RR ने क्यों नहीं लिया Abhishek Porel के खिलाफ Review Harbhajan Singh ने किया मज़ाक

पूर्व भारतीय स्पिन गेंदबाज़ हरभजन सिंह ने एक मज़ाकिया अंदाज़ में यह संकेत दिया कि राजस्थान रॉयल्स ने जानबूझकर दिल्ली कैपिटल्स के बल्लेबाज़ अभिषेक पोरेल के खिलाफ रिव्यू नहीं लिया, जबकि वह बल्ले का किनारा लगने के बावजूद नॉट आउट करार दिए गए। यह दिलचस्प घटना 16 अप्रैल को अरुण जेटली स्टेडियम में पहले पारी के 13वें ओवर की अंतिम गेंद पर हुई।
क्या हुआ था मैदान पर?
अभिषेक पोरेल ने जॉफ्रा आर्चर की बाउंसर गेंद पर रैम्प शॉट खेलने की कोशिश की, लेकिन गेंद से सही संपर्क नहीं कर पाए। गेंद सीधा विकेटकीपर संजू सैमसन के दस्तानों में चली गई, और देखने में ऐसा लगा कि गेंद बल्ले को छुए बिना ही निकल गई है। मैदान पर किसी भी खिलाड़ी — न गेंदबाज़, न विकेटकीपर और न ही नज़दीकी फील्डरों — ने अपील की।
हालांकि, जब बाद में अल्ट्रा-एज तकनीक (जो बल्ले और गेंद के संपर्क का सूक्ष्म संकेत देती है) पर रिप्ले देखा गया, तो उसमें साफ़ नज़र आया कि गेंद बल्ले के बिल्कुल निचले हिस्से (टो एंड) को छूते हुए गई थी।
बड़ा मौक़ा चूक गया राजस्थान
इस समय अभिषेक पोरेल 49 रन पर बल्लेबाज़ी कर रहे थे, और पिछले 8 गेंदों पर केवल 7 रन ही बना सके थे। इससे पहले उसी ओवर में जॉफ्रा आर्चर ने केएल राहुल का विकेट लिया था। यदि यह किनारा पकड़ में आता और राजस्थान रॉयल्स रिव्यू लेता, तो एक ही ओवर में दो विकेट गिरते और दिल्ली की पारी दबाव में आ जाती, क्योंकि दो नए बल्लेबाज़ एक साथ मैदान में होते।
हरभजन का तंज
हरभजन सिंह ने इस पर मज़े लेते हुए कहा कि ऐसा लगता है मानो राजस्थान रॉयल्स ने जानबूझकर रिव्यू न लेने का निर्णय लिया, ताकि दिल्ली को पारी को आगे खींचने का थोड़ा मौक़ा मिले। यह बात उन्होंने मज़ाक में कही, लेकिन इसके ज़रिए उन्होंने फील्डिंग टीम की चूक की ओर भी इशारा किया।
उन्होंने यह भी कहा कि “इतना साफ़ किनारा होने के बावजूद न गेंदबाज़ ने कुछ महसूस किया, न विकेटकीपर ने – ये थोड़ी अजीब बात है। क्या सब थक चुके थे या फिर ध्यान कहीं और था?”
क्या यह लापरवाही थी?
क्रिकेट में ऐसे मौक़े कभी-कभी बहुत महंगे पड़ सकते हैं। जब तकनीक इतनी उन्नत हो चुकी है और हर छोटी सी हरकत दर्ज होती है, तब ऐसी चूक पर सवाल उठना लाज़मी है। यह सिर्फ़ एक विकेट नहीं था — यह एक मोड़ हो सकता था जहां से राजस्थान रॉयल्स मैच को पूरी तरह अपनी पकड़ में ले सकता था।
यह घटना दिखाती है कि क्रिकेट में ध्यान, सतर्कता और संवाद की कितनी अहम भूमिका होती है। एक क्षण की चूक कभी-कभी पूरे मैच की दिशा बदल सकती है। वहीं हरभजन सिंह जैसे अनुभवी खिलाड़ी का मज़ाकिया अंदाज़ इस मामले को हल्के-फुल्के अंदाज़ में सामने लाता है, लेकिन इसके पीछे गंभीर सीख भी छिपी है।