IPL 2025: अक्षर पटेल की कप्तानी पर भड़के आकाश चोपड़ा बोले 19वां ओवर स्टार्क को क्यों नहीं दिया

इंडियन प्रीमियर लीग 2025 में दिल्ली कैपिटल्स की एक और हार के बाद कप्तान अक्षर पटेल की कप्तानी पर सवाल उठने लगे हैं। पूर्व भारतीय क्रिकेटर और मौजूदा कमेंटेटर आकाश चोपड़ा ने अक्षर पटेल के फैसलों पर कड़ी नाराजगी जताई है।
रविवार, 27 अप्रैल को दिल्ली के अरुण जेटली स्टेडियम में खेले गए मैच 46 में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु ने दिल्ली कैपिटल्स को छह विकेट से मात दी। 163 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए बेंगलुरु ने मात्र 18.3 ओवर में ही जीत हासिल कर ली और IPL 2025 के प्वाइंट्स टेबल में शीर्ष स्थान पर कब्जा जमा लिया।
आकाश चोपड़ा ने अपने यूट्यूब चैनल ‘Aakash Chopra’ पर शेयर किए गए वीडियो में सवाल उठाया कि अक्षर पटेल ने मैच के सबसे महत्वपूर्ण ओवर — 19वें ओवर — के लिए मिचेल स्टार्क जैसे अनुभवी गेंदबाज का सहारा क्यों नहीं लिया। चोपड़ा ने कहा, “अगर आपके पास मिचेल स्टार्क जैसा वर्ल्ड क्लास गेंदबाज है, जो डेथ ओवर्स में विशेषज्ञता रखता है, तो आप उसे 19वां ओवर क्यों नहीं थमाते? ये रणनीतिक गलती दिल्ली कैपिटल्स को भारी पड़ी।”
चोपड़ा ने आगे कहा कि RCB के खिलाफ आखिरी के ओवरों में दबाव बनाने के लिए अनुभव और गति (pace) का सही इस्तेमाल करना बेहद जरूरी था, जो कि अक्षर पटेल नहीं कर पाए। “स्टार्क को गेंद थमाकर शायद अक्षर मैच को अंतिम ओवर तक खींच सकते थे या फिर विकेट निकाल सकते थे,” आकाश ने जोड़ा।
RCB के बल्लेबाजों ने इस मौके का पूरा फायदा उठाया। आखिरी ओवरों में तेजी से रन बनाकर उन्होंने दिल्ली को वापसी का कोई मौका नहीं दिया। वहीं दूसरी ओर दिल्ली की गेंदबाजी में अनुभव की कमी और रणनीतिक चूकों का साफ असर दिखा।
अक्षर पटेल ने कप्तान के तौर पर इस सीजन में कई बार अच्छे फैसले लिए हैं, लेकिन इस मुकाबले में उनकी रणनीति पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। खासकर तब जब मिचेल स्टार्क जैसा बड़ा नाम टीम में मौजूद हो और फिर भी उसे सही समय पर गेंदबाजी का मौका न मिले।
इस हार के साथ दिल्ली कैपिटल्स की प्लेऑफ में पहुंचने की उम्मीदों को गहरा झटका लगा है। टीम को अब बचे हुए मुकाबलों में ना सिर्फ हर हाल में जीत दर्ज करनी होगी बल्कि अपने नेट रन रेट को भी बेहतर करना होगा। ऐसे में कप्तानी के फैसले और रणनीति दोनों पर अतिरिक्त ध्यान देना जरूरी हो गया है।
RCB की ओर से बल्लेबाजों ने जिस निडरता के साथ लक्ष्य का पीछा किया, उसने एक बार फिर साबित कर दिया कि दबाव के क्षणों में अनुभवी गेंदबाजों का सही इस्तेमाल कितना जरूरी होता है।