cricket news

2 साल तक Injection लेकर खेला फिर RCB ने Surgery के लिए भेजा London Suyash Sharma की हिम्मत की कहानी

 

RCB के स्टार स्पिनर सुयश शर्मा ने खोले संघर्ष के राज, बोले – ‘2 साल तक इंजेक्शन लेकर खेला’

आईपीएल 2024 में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के लिए खेल रहे युवा स्पिनर सुयश शर्मा ने हाल ही में  पर एक चौंकाने वाला खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि वह पिछले दो साल से गंभीर शारीरिक तकलीफ से जूझ रहे थे और इसके बावजूद मैदान पर डटे रहे। सुयश ने कहा कि वह दो साल तक इंजेक्शन लेकर खेलते रहे, लेकिन भारत में उन्हें अपनी समस्या की असली वजह नहीं पता चल पा रही थी।

सुयश ने बताया, “ये दो साल से चल रहा था। मैं इंजेक्शन लेकर खेलता था। मुझे भारत में समझ नहीं आ रहा था कि मुझे क्या प्रॉब्लम है।” जब उनकी परेशानी बढ़ने लगी, तब RCB की टीम मैनेजमेंट ने उन्हें इलाज के लिए लंदन भेजने का फैसला किया। वहां उनकी जांच और इलाज हुआ, जिससे असली बीमारी सामने आई – तीन हर्निया

RCB की इस पहल ने न सिर्फ सुयश के करियर को बचाया, बल्कि उन्हें मानसिक रूप से भी काफी ताकत दी। लंदन में उनकी देखभाल RCB के फिजियो जेम्स पाइप ने की। सुयश ने बताया, “वहां मेरी मुलाकात जेम्स पाइप से हुई। उन्होंने और उनके परिवार ने मेरी फैमिली की तरह देखभाल की।”

यह पहली बार नहीं है जब किसी खिलाड़ी ने मैदान पर खेलने के लिए दर्द को नजरअंदाज किया हो, लेकिन सुयश शर्मा की कहानी इसलिए खास है क्योंकि वह आईपीएल जैसे उच्च स्तर के टूर्नामेंट में बिना सही इलाज के लगातार प्रदर्शन करते रहे। उनकी कहानी एक मिसाल है – जुनून और समर्पण की।

Jasprit Bumrah सपनों में भी बैटरों का पीछा नहीं छोड़ते मनोज तिवारी ने की सचिन तेंदुलकर से तुलना

19 साल की उम्र में केकेआर से अपने आईपीएल करियर की शुरुआत करने वाले सुयश शर्मा अब RCB के लिए खेल रहे हैं। वह अपने पहले ही सीजन में मिस्ट्री स्पिनर के रूप में उभरे थे और अब अपने संघर्ष के दौर से बाहर निकलकर पहले से और मजबूत होकर मैदान पर लौटे हैं।

RCB की टीम ने जिस तरह से सुयश का साथ दिया, वह फ्रेंचाइज़ी के खिलाड़ियों के प्रति समर्पण को दर्शाता है। खिलाड़ी के स्वास्थ्य को प्राथमिकता देना और उसे बेस्ट इलाज के लिए विदेश भेजना, RCB के टीम मैनेजमेंट की सोच और प्लेयर वेलफेयर के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है।

सुयश की यह कहानी क्रिकेट फैंस के लिए प्रेरणादायक है, जो दिखाती है कि कामयाबी के पीछे कितनी मेहनत और दर्द छिपा होता है। आज वह फिर से मैदान पर लौट चुके हैं और पूरी तरह फिट हैं। उन्होंने यह साबित कर दिया है कि मुश्किलें कितनी भी बड़ी क्यों न हों, अगर इरादा मजबूत हो, तो कोई भी चुनौती बड़ी नहीं होती।


 

Back to top button