Jitesh Sharma की क्रिकेट यात्रा: Maharashtra के नियम ने बदला करियर का रुख

रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के विकेटकीपर-बैटर जितेश शर्मा ने हाल ही में एक दिलचस्प कहानी साझा की है, जिसमें उन्होंने बताया कि कैसे महाराष्ट्र के एक नियम ने उनकी क्रिकेट यात्रा की शुरुआत की। यह कहानी आरसीबी के आधिकारिक यूट्यूब चैनल ‘रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु’ पर बुधवार, 16 अप्रैल को पोस्ट किए गए एक वीडियो में सामने आई, जिसमें उन्होंने अपने प्रारंभिक क्रिकेट सफर के बारे में विस्तार से बात की।
जितेश शर्मा ने कहा कि उनका प्राथमिक लक्ष्य भारतीय राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) में शामिल होना था, क्योंकि वह भारतीय वायुसेना और रक्षा सेवा में बहुत रुचि रखते थे। हालांकि, एक राज्य स्तर पर खेलों में भागीदारी को लेकर एक नियम ने उनकी दिशा बदल दी। महाराष्ट्र में यह नियम था कि अगर कोई छात्र 10वीं या 12वीं कक्षा में राज्य का प्रतिनिधित्व करता है, तो उसे 25 अतिरिक्त अंक मिलते हैं, जो कि उसके कुल स्कोर में 4 प्रतिशत का इज़ाफा करते थे। इस नियम ने जितेश को क्रिकेट परीक्षण में भाग लेने के लिए प्रेरित किया था, ताकि वह उन अतिरिक्त अंकों को प्राप्त कर सकें।
जितेश शर्मा का खुलासा:
जितेश ने कहा, “10वीं कक्षा में, मेरा मुख्य उद्देश्य एनडीए में शामिल होना था क्योंकि मैं वायुसेना और रक्षा सेवा में जाने के लिए काफी उत्साहित था। लेकिन फिर मुझे महाराष्ट्र में एक नियम के बारे में पता चला, जिसके अनुसार अगर आप 10वीं या 12वीं कक्षा में राज्य का प्रतिनिधित्व करते हैं, तो आपको 25 अतिरिक्त अंक मिलते हैं, जो आपके स्कोर में 4 प्रतिशत का इज़ाफा करते हैं।”
इस नियम ने जितेश को क्रिकेट परीक्षण में हिस्सा लेने के लिए प्रेरित किया, क्योंकि वह जानते थे कि इन अतिरिक्त अंकों से उनका शैक्षिक परिणाम बेहतर हो सकता था। हालांकि, यह परीक्षण उनके जीवन का अहम मोड़ साबित हुआ। जितेश ने क्रिकेट में अपनी क्षमता का पता लगाते हुए इस खेल को अपना करियर बना लिया, और आज वह आईपीएल में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु का हिस्सा हैं।
क्रिकेट के प्रति प्यार और प्रेरणा:
जितेश की यह कहानी दर्शाती है कि कभी-कभी जीवन में कुछ अप्रत्याशित मोड़ हमें अपनी असली राह पर ले आते हैं। यदि जितेश ने राज्य स्तर पर क्रिकेट का परीक्षण नहीं दिया होता, तो शायद उनकी यात्रा रक्षा क्षेत्र में होती। इस प्रकार, क्रिकेट के प्रति उनका प्यार और उनकी कड़ी मेहनत ने उन्हें एक नया मुकाम दिलाया।
उनकी यह कहानी न केवल क्रिकेट प्रेमियों के लिए प्रेरणा का स्रोत है, बल्कि यह भी बताती है कि कभी-कभी जीवन के छोटे से मोड़ भी हमारे भविष्य को बदल सकते हैं।