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कोई Garden में नहीं घूमेगा Rohit Sharma ने क्यों कहा था ये Iconic Dialogue

भारतीय वनडे और टेस्ट कप्तान रोहित शर्मा ने पिछले साल इंग्लैंड के खिलाफ घरेलू टेस्ट सीरीज़ के दौरान दिए गए अपने चर्चित बयान “कोई गार्डन में नहीं घूमेगा” को लेकर पहली बार खुलकर बात की है। यह घटना विशाखापट्टनम टेस्ट (विजाग टेस्ट) के दौरान की है, जब मैदान पर मौजूद स्टंप माइक में रोहित की आवाज़ कैद हुई थी और यह वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था।

क्या था पूरा मामला?
टेस्ट सीरीज़ के दूसरे दिन रोहित शर्मा स्टंप माइक में कुछ सख्त और स्पष्ट शब्दों में खिलाड़ियों को चेतावनी देते सुने गए थे। उन्होंने कहा था, “कोई गार्डन में नहीं घूमेगा,” और इसके साथ कुछ कठोर शब्दों का भी इस्तेमाल किया था। यह पल क्रिकेट फैंस के बीच चर्चा का विषय बन गया था, और इसके बाद से रोहित को कई बार इस टिप्पणी के बारे में पूछा गया।

रोहित ने खुद बताया वजह
हाल ही में जिओहॉटस्टार के एक इंटरव्यू के दौरान रोहित शर्मा ने इस पूरी घटना को याद करते हुए बताया कि उस समय मैच की स्थिति बहुत नाजुक थी। उन्होंने कहा, “वो टेस्ट मैच बहुत अहम था और मैं चाहता था कि लड़के मैदान पर और ज्यादा जोश और तत्परता दिखाएं। लेकिन मुझे ऐसा लग रहा था कि वो थोड़े ढीले हो गए हैं। कोई इमरजेंसी या तात्कालिकता नहीं दिख रही थी।”

उन्होंने आगे कहा, “एक कप्तान के रूप में मुझे अपनी बात कुछ तो तरीके से रखनी थी ताकि सब ध्यान दें। और उस वक्त जो निकला, वो दिल से निकला। वो कमेंट मैंने हताशा में किया था, क्योंकि मुझे चाहिए था कि खिलाड़ी सतर्क रहें और तुरंत प्रतिक्रिया दें।”

रोहित की कप्तानी की झलक
यह बयान रोहित की कप्तानी के उस पहलू को दिखाता है, जिसमें वह ज़रूरत पड़ने पर सख्ती से टीम को जगाने में हिचकिचाते नहीं हैं। उनका यह रवैया दर्शाता है कि वे न केवल रणनीतिक रूप से मजबूत हैं, बल्कि भावनात्मक स्तर पर भी टीम को प्रेरित करने के लिए तैयार रहते हैं।

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“कोई गार्डन में नहीं घूमेगा” अब एक फेमस डायलॉग बन चुका है, लेकिन इसके पीछे की भावना टीम को जगाने और उनकी एकाग्रता बढ़ाने की थी। रोहित शर्मा ने यह दिखा दिया कि एक सच्चे कप्तान का काम सिर्फ रणनीति बनाना नहीं, बल्कि वक्त पर टीम को झकझोरना भी होता है — चाहे वह मैदान के बीचोंबीच क्यों न हो।

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