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भारतीय क्रिकेट के अनोखे सितारे: अभिमन्यु मिथुन के रिकॉर्ड जो शायद कभी ना टूटें

भारतीय क्रिकेट का इतिहास ऐसे कई यादगार पलों से भरा हुआ है, जो क्रिकेट के प्रशंसकों को हमेशा याद रहेंगे। इन पलों में कुछ रिकॉर्ड्स भी हैं, जिन्हें तोड़ना बेहद मुश्किल नजर आता है। आज हम आपको एक ऐसे गेंदबाज की कहानी बताने जा रहे हैं, जिनके नाम एक ओवर में पांच विकेट लेने का अद्भुत रिकॉर्ड है और साथ ही तीनों फॉर्मेट में हैट्रिक लेने का भी अनोखा कारनामा। यह खिलाड़ी कोई और नहीं, बल्कि अभिमन्यु मिथुन हैं, जिनके अद्वितीय रिकॉर्ड भारतीय क्रिकेट इतिहास में स्वर्णाक्षरों में दर्ज हैं।

अभिमन्यु मिथुन का संक्षिप्त लेकिन शानदार करियर

अभिमन्यु मिथुन ने भले ही इंटरनेशनल क्रिकेट में ज्यादा मैच नहीं खेले, लेकिन घरेलू क्रिकेट में उनकी गेंदबाजी ने उन्हें एक सितारे के रूप में स्थापित किया। टेस्ट और वनडे मिलाकर उन्होंने कुल 9 इंटरनेशनल मैच खेले, लेकिन उनके नाम कई ऐसे रिकॉर्ड हैं जो उन्हें हमेशा यादगार बनाएंगे। मिथुन ने घरेलू क्रिकेट में तीनों फॉर्मेट में हैट्रिक लेकर अपनी गेंदबाजी का लोहा मानी करवाया। इसके अलावा, उन्होंने एक ओवर में पांच विकेट लेने का कारनामा भी किया, जो क्रिकेट इतिहास में बहुत कम गेंदबाजों के नाम हुआ है।

तीनों फॉर्मेट में हैट्रिक का रिकॉर्ड

अभिमन्यु मिथुन ने 2009 में रणजी डेब्यू के दौरान कर्नाटक की ओर से उत्तर प्रदेश के खिलाफ एक धमाकेदार प्रदर्शन किया। दूसरी पारी के 60वें ओवर में उन्होंने हैट्रिक लेकर सभी को चौंका दिया। इसके बाद 25 अक्टूबर 2019 को विजय हजारे ट्रॉफी के फाइनल में उन्होंने अपनी टीम को जीत दिलाने के लिए एक और हैट्रिक ली। इसके अलावा, सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में भी उन्होंने एक ऐतिहासिक स्पेल फेंका, जिसे आज तक कोई अन्य गेंदबाज नहीं तोड़ पाया है।

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एक ओवर में 5 विकेट: अभिमन्यु का जादू

अभिमन्यु मिथुन का नाम तब और चर्चा में आया जब उन्होंने सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी के सेमीफाइनल में एक ओवर में पांच विकेट लेने का कारनामा किया। इस अद्भुत स्पेल में उन्होंने पारी के आखिरी ओवर की पहली चार गेंदों पर हिमांशु राणा, राहुल तेवतिया, सुमित कुमार और अमित मिश्रा को आउट किया। हालांकि एक वाइड गेंद ने उनके स्पेल में थोड़ा सा विघ्न डाला, लेकिन फिर उन्होंने आखिरी गेंद पर जयंत यादव का विकेट लेकर इस जादुई ओवर को इतिहास में दर्ज करवा दिया।

अभिमन्यु मिथुन ने भले ही इंटरनेशनल क्रिकेट में ज्यादा समय नहीं बिताया, लेकिन उनका योगदान भारतीय घरेलू क्रिकेट में हमेशा याद रखा जाएगा।

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