रोहित शर्मा को ओपनर बनाने की कहानी: विश्व कप 2019 की चमक ने बदली टेस्ट करियर की दिशा

भारतीय क्रिकेट में बदलाव अक्सर परंपरा तोड़ने से आते हैं, और 2019 के बाद रोहित शर्मा का टॉप‑ऑर्डर में स्थापित होना उसी साहसी फैसले का नतीजा है। 38 साल की उम्र में रोहित ने टेस्ट क्रिकेट में ओपनर के रूप में औसत 42.81 दर्ज किया है, जिसमें 9 शतक और दक्षिण अफ्रीका के विरुद्ध 212 रन की बेहतरीन पारी शामिल है। यह सफर अचानक नहीं था; इसकी नींव 2019 विश्व कप में रखी गई, जब रोहित ने पांच शानदार शतक ठोककर चयनकर्ताओं को सोचने पर मजबूर कर दिया।
निचले क्रम से टॉप‑ऑर्डर तक: सफर की रूपरेखा
- 2013 डेब्यू: सीमित ओवर फ़ॉर्मेट में सफलता के बावजूद रोहित का टेस्ट ग्राफ़ फ्लक्चुएट करता रहा।
- मिडल‑ऑर्डर संघर्ष: पाँचवें‑छठे नंबर पर खेलते हुए वे 20‑30 रन पर विकेट गंवा देते थे, जिससे लंबी पारी के मौके कम मिले।
- परिवर्तन का साल 2019: इंग्लैंड‑वेल्स में हुए विश्व कप में 648 रन ने सभी को प्रभावित किया।
‘ICC Review’ में 62‑वर्षीय कोच का खुलासा
ताज़ा ‘ICC Review’ पॉडकास्ट में 62 साल के पूर्व मुख्य कोच (संभावित रूप से रवि शास्त्री) ने बताया कि रोहित को ओपन करवाने का आइडिया कैसे पका:
“वह यहाँ‑वहाँ (पाँच‑छह नंबर) भटक रहा था, 20‑30 रन बनाकर विकेट खो देता। मैंने सोचा दबाव में भेजो—ऊपर भेजो। और वेस्ट इंडीज में उससे कहा ‘तुम ओपन करोगे’। यह अगस्त 2019 था, विश्व कप के ठीक बाद। उसकी फॉर्म जबरदस्त थी, तो फैसला लेना आसान रहा।”
वेस्ट इंडीज दौरे में निर्णायक बातचीत
- माहौल: एंटीगा के नेशनल क्रिकेट स्टेडियम में नेट सेशन के बाद हुई वन‑ऑन‑वन चर्चा।
- खिलाड़ी की प्रतिक्रिया: रोहित ने शुरुआती झिझक के बाद ओपनिंग को चुनौती माना।
- टीम की रणनीति: नए सिरे से बैटिंग आर्डर बनाने पर फोकस; मयंक अgarwal के साथ दाएं‑बाएं कॉम्बिनेशन की योजना बनी।
आँकड़े जो बदलाव को正 ठहराते हैं
अवधि | पारियाँ | रन | औसत | शतक | श्रेष्ठ स्कोर |
---|---|---|---|---|---|
2013‑2018 (मिडल‑ऑर्डर) | 27 | 1014 | 39.0 | 3 | 177 |
2019‑2025 (ओपनर) | 43 | 2568 | 42.81 | 9 | 212 |
- बल्लेबाज़ी स्ट्राइक रेट: 2013‑18 में 55.9 से बढ़कर 2019‑25 में 66.4।
- स्ट्रॉन्ग स्टार्ट्स: पावरप्ले (ओवर 1‑15) में औसत 48.2, जो पहले 33.7 थी।
तकनीकी समायोजन से सफलता
- फ़ुटवर्क में सुधार: फ्रंट‑फुट डिफ़ेंस को मजबूत किया, जिससे स्विंग गेंदों पर जल्दी आउट होने की समस्या घटी।
- कट‑पुल महारत: नई गेंद की अतिरिक्त उछाल का लाभ उठाने के लिए पुल‑शॉट पर भरोसा बढ़ाया।
- मनोवैज्ञानिक बदलाहट: ओपनर के रूप में ‘इंनिंग बिल्डर’ माइंडसेट—पहले 30 गेंद तक रिस्क‑फ्री, फिर गियर शिफ्ट।
टीम कॉम्बिनेशन पर प्रभाव
- मिडल‑ऑर्डर में स्थिरता: रोहित के ऊपर जाने से चेतेश्वर पुजारा तीसरे नंबर पर टिके रहे, जबकि अजिंक्य रहाणे और हनुमा विहारी को स्पष्ट भूमिकाएँ मिलीं।
- बॉलिंग बैलेंस: लंबी ओपनिंग पार्टनरशिप से गेंदबाज़ों को बड़े लक्ष्य का सहारा मिला, खासकर विदेशी पिचों पर।
फैंस और ब्रांड वैल्यू
- दर्शकों की पसंद: ‘हिटमैन’ का पहला सेशन देखने स्टेडियम जल्दी भरने लगे।
- एंडोर्समेंट अपसाइड: ओपनर टैग ने ब्रांड इमेज को नई ऊँचाई दी—टेक‑गैजेट और ऑटोमोबाइल कंपनियों के विज्ञापन बढ़े।
भविष्य की राह
- इंग्लैंड 2025 सीरीज़: नई गेंद के खिलाफ रोहित‑शुभमन की जोड़ी टीम के विदेशी टेस्ट अभियान की कुंजी मानी जा रही है।
- करियर 10,000 रन का लक्ष्य: मौजूदा फॉर्म जारी रही तो अगले दो साल में टेस्ट में 6,000 और कुल अंतरराष्ट्रीय में 20,000 रन के माइलस्टोन पास आ सकते हैं।