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भारतीय टेस्ट टीम के 3 दिग्गज खिलाड़ी जिन्हें शायद अब टेस्ट टीम में वापसी का कभी ना मिले मौका

भारतीय टेस्ट टीम के 3 दिग्गज खिलाड़ी: भारत इस सीजन में भी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल की ओर मजबूत दावेदारी पेश कर रहा है। 19 सितंबर से बांग्लादेश के खिलाफ शुरू होने वाली अगली टेस्ट सीरीज में भी टीम इंडिया अपना दबदबा बनाए रखने के लिए तैयार है। लेकिन इस चकाचौंध के बीच कुछ ऐसे नाम हैं जो गुमनामी में खो गए हैं।

1. मयंक अग्रवाल: भूला हुआ ओपनर

कभी भारतीय टेस्ट टीम का नियमित हिस्सा रहे मयंक अग्रवाल ने कई यादगार जीतों में अहम भूमिका निभाई थी। उन्होंने अब तक 21 टेस्ट मुकाबलों में भारत का प्रतिनिधित्व किया है, लेकिन पिछले दो सालों से वे टीम से बाहर चल रहे हैं। आखिरी बार उन्होंने 2022 में श्रीलंका के खिलाफ टेस्ट खेला था। युवा खिलाड़ी यशस्वी जायसवाल के आने के बाद ऐसा लगता है कि मयंक की टेस्ट टीम में वापसी की संभावना कम हो गई है, और शायद हमने उन्हें आखिरी बार भारतीय जर्सी में देखा हो।

2. अजिंक्य रहाणे: ब्रिस्बेन का हीरो

अजिंक्य रहाणे का नाम भारतीय क्रिकेट के इतिहास में ऑस्ट्रेलिया में ऐतिहासिक टेस्ट सीरीज जीत दिलाने के लिए अमर हो चुका है। उनकी कप्तानी में भारतीय टीम ने ब्रिस्बेन में इतिहास रचा। 85 टेस्ट मैचों में 5,000 से अधिक रन बनाने वाले रहाणे का करियर अब मुश्किल दौर से गुजर रहा है। आखिरी बार उन्होंने पोर्ट ऑफ स्पेन में वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट खेला था और तब से वे टीम से बाहर हैं। मिडिल ऑर्डर में बढ़ती प्रतिस्पर्धा के बीच उनकी टेस्ट टीम में वापसी अब बेहद मुश्किल नजर आ रही है।

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3. चेतेश्वर पुजारा: दीवार की दरारें?

भारतीय टीम की ‘दीवार’ कहे जाने वाले चेतेश्वर पुजारा टेस्ट क्रिकेट में एक मजबूत स्तंभ रहे हैं। 103 टेस्ट मैचों में 7,195 रन बनाने वाले पुजारा भारतीय बल्लेबाजी लाइनअप की रीढ़ माने जाते थे। हालांकि, उनका आखिरी मुकाबला ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में था और ऐसा लगता है कि टीम उनसे आगे बढ़ चुकी है। उनकी वापसी की कोशिशें नाकाम होती दिख रही हैं और उनके टेस्ट करियर का अंत करीब नजर आ रहा है।

भारतीय क्रिकेट के बदलते समीकरण

इन अनुभवी खिलाड़ियों का टीम से बाहर होना भारतीय क्रिकेट के बदलते समीकरणों को दर्शाता है। टीम अब अपनी धाक बनाए रखने के लिए नए और युवा प्रतिभाओं पर निर्भर है, जिससे यह भी संकेत मिलता है कि भारतीय क्रिकेट के कुछ सम्मानित दिग्गजों के लिए अब टेस्ट टीम के दरवाजे बंद हो चुके हैं। जबकि नई पीढ़ी के खिलाड़ियों का भविष्य उज्ज्वल है, यह बात मन को दुखी करती है कि हमें इन खिलाड़ियों को अलविदा कहना पड़ रहा है जिन्होंने भारतीय क्रिकेट को इतना कुछ दिया।

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