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प्ले‑ऑफ़ से बाहर पर योजना बड़ी: राजस्थान रॉयल्स 2025 का युवा‑विस्फोट

Rajasthan Royals   ने IPL 2025 में भले ही प्ले‑ऑफ़ की दौड़ से बाहर होने का अघोषित टिकट कटा लिया हो, लेकिन ‘पिंक आर्मी’ का डग‑आउट अभी भी ऊर्जा से भरा है — और यही उन्हें बाकी फ्रेंचाइज़ियों से अलग बनाता है। सीज़न के अंतिम मैचों से पहले टीम प्रबंधन ने दो दिलचस्प विदेशी सौदे जोड़कर संकेत दे दिया है कि अगला साल अब शुरू हो चुका है

1. नज़र 2026 पर, फ़ायदा 2025 में

रवैया साफ़ है: शॉर्ट‑टर्म आंकड़ों के बजाय लॉन्ग‑टर्म रिटर्न। RR की थिंक‑टैंक ने दक्षिण अफ़्रीका के 17‑साल के पेसर क्वेना माप्हाका और अफ़ग़ान तेज़ गेंदबाज़ फ़ज़लहक फ़ारूक़ी को देर से बुलाकर डेप्थ मज़बूत की है। माप्हाका की ब्रिसबेन U‑19 वर्ल्ड कप में 145 किमी/घं की स्पैल याद है? वही एक्स‑फ़ैक्टर अब जयपुर की पिच पर देखने को मिल सकता है। फ़ारूक़ी, जिनके स्लोग‑ओवर यॉर्कर UAE लीग में चर्चित रहे, ‘आर्चर‑माधवाल‑देशपांडे’ ब्रिगेड को नई धार देंगे।

2. डग‑आउट की ‘यूथ‑क्लब’ थ्योरी

यशस्वी जायसवाल ODIS से लौटकर जबरदस्त मोमेंटम लाए हैं, पर टीम उन्हें वर्ल्ड‑क्लास एंकर के रूप में और निखारना चाहती है। शुभम दुबे और वैभव सूर्यवंशी जैसे घरेलू धमाकेदार फ़िनिशर इस मौके पर खुद को IPL‑लेवल पर प्रूव कर सकते हैं। बैक‑अप विकेटकीपरों की तिकड़ी — ध्रुव जुरेल, कुणाल राठौड़, संजू सैमसन — बताती है कि RR लीडरशिप को किसी भी फ़ॉर्मेट में टेस्ट‑मुक़ाबला जीतने वाला ‘थिंकिंग बैटर’ चाहिए।

3. स्पिन ट्रायड: हसरंगा‑थीक्षाना‑कार्तिकेय

RR की पारंपरिक कमजोरी डेथ‑ओवर बॉलिंग थी, मगर इस साल मिड‑ओवर ‘चोकहोल्ड’ प्लान पर फोकस है। श्रीलंका के वानिन्दु हसरंगा और महीश थीक्षाना के साथ बाएं हाथ के कुमार कार्तिकेय ऐसी स्पिन तिकड़ी बनाते हैं, जो हर पिच पर विविध एंगल क्रिएट करती है। हसरंगा की गुगली, थीक्षाना की कैरम बॉल और कार्तिकेय की स्लाइडर — तीनों मिलकर 7‑14 ओवर के बीच रन‑फ़्लो रोकने की चाबी हैं।

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4. ‘आर्चर री‑लोडेड’ और भारत का डेथ‑डुओ

इंजरी से वापसी कर रहे जोफ़्रा आर्चर नेट्स में 150 किमी/घं छू रहे हैं। RR उन्हें सीमित ओवर क्वोटा देकर धीरे‑धीरे मैच‐फ़िट कर रहा है ताकि 2026 मेगा ऑक्शन से पहले रेटेन करने का पुख़्ता डेटा मिल सके। दूसरी तरफ़, तुषार देशपांडे और आकाश मधवाल ने घरेलू सीज़न में 9.15 की इकॉनमी से कम फ़ेंकी है। ये आँकड़े RR के डेटा एनालिटिक्स वॉर‑रूम में ‘डेथ‑ओवर प्रेयर’ के बजाय ‘डेथ‑ओवर प्लान’ बदल रहे हैं।

5. रियान पाराग 2.0: रोल, नहीं सिर्फ़ टैलेंट

असम के ऑल‑राउंडर रियान पाराग का स्ट्राइक‑रेट 180 से ऊपर, लेकिन हेलीकॉप्टर शॉट से ज़्यादा तारीफ़ ‘गेम‑सेंस’ की हो रही है। टीम ने उन्हें ‘फ़्लोटिंग फ़िनिशर’ का रोल सौंपा है — पावर‑प्ले में किसी बल्लेबाज़ के जल्दी आउट होने पर #4, वरना #6 पर ‘डेथ‑बाज़’। इससे युवा बल्लेबाज़ को ओवर‑स्पेस‑सिचुएशन समझने की रियल‑टाइम लैब मिलेगी।

6. क्यों मायने रखता है यह बिल्ड‑अप?

रिटेंशन‑मैथ: 2026 मेगा ऑक्शन से पहले अधिकतम चार खिलाड़ी ही बचेंगे। RR जितने ज़्यादा युवाओं को आज़माएगी, उतना ही डेटा‑पूल बड़ा होगा।
ब्रैंड वैल्यू: घरेलू और एसोसिएट सितारे (Nandre Burger, Lhuan‑dre Pretorius) जोड़ने से सामाजिक‑मीडिया एंगेजमेंट बढ़ता है, जो प्रायोजकों को लुभाता है।
टैक्टिकल फ्लेक्सिबिलिटी: मल्टी‑दिशा अटैक (स्पिन + वेरिएशन‑पेस) CSK की कामयाबी का राज़ रहा है; RR उसी खाके को अपने रंग में ढाल रही।

ड्रेसिंग‑रूम का मंत्र है: “सीज़न भले हारे, सबक न हारें।” यही सोच राजस्थान रॉयल्स को IPL 2025 के बचे हुए मैचों में दर्शनीय बनाती है और अगले सीज़न की नींव अब से पक्की करती है।

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