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Rajasthan Royals के फील्डिंग कोच दीशांत यादव और बल्लेबाज शिमरोन हेटमायर के बीच घटी एक मजेदार घटना जब दोनों IPL 2025 के मुकाबले से पहले टीम की प्रैक्टिस में थे

रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के खिलाफ 24 अप्रैल, गुरुवार को होने वाले मुकाबले से पहले यह प्रैक्टिस सेशन काफी दिलचस्प और हंसी-मजाक से भरा हुआ था।

इस प्रैक्टिस सेशन के दौरान हेटमायर और कोच यादव दोनों कैच प्रैक्टिस कर रहे थे। जैसे ही एक ड्रिल चल रही थी, हेटमायर ने एक कैच छोड़ दिया। इसके बाद दीशांत यादव को हंसी नहीं रुक पाई और वह हेटमायर के पास दौड़ते हुए गए। उन्होंने मजाकिया अंदाज में हेटमायर के पैरों को पकड़ लिया और उन्हें मैदान पर घसीटते हुए ले गए। यह दृश्य बहुत ही हास्यपूर्ण था और सभी मौजूद लोगों को हंसी का कारण बन गया।

इसके बाद कोच यादव ने शिमरोन हेटमायर से मजाक करते हुए कहा, “एक कैच पकड़ता नहीं है, सीधा कैच पे गिर जा रहा है।” यह टिप्पणी पूरी टीम के लिए एक हल्की-फुल्की हंसी का कारण बनी और इसने प्रैक्टिस का माहौल और भी मस्तीभरा बना दिया। हेटमायर ने इस मजाक को बहुत अच्छे से लिया और अपने कोच के साथ हंसी में शामिल हो गए।

यह घटना न केवल खिलाड़ियों के बीच अच्छे रिश्तों को दर्शाती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि क्रिकेट में भी टीम के माहौल को हल्का-फुल्का रखने के लिए हंसी-मजाक कितना महत्वपूर्ण हो सकता है। कोच और खिलाड़ी के बीच इस तरह की नोंक-झोंक टीम की एकजुटता और आत्मीयता को बढ़ाती है। यह बताता है कि प्रैक्टिस के दौरान भी अगर खिलाड़ी और कोच एक-दूसरे के साथ समय बिता सकते हैं और हंसी मजाक कर सकते हैं, तो इसका सकारात्मक प्रभाव टीम के प्रदर्शन पर भी पड़ सकता है।

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शिमरोन हेटमायर, जो एक बेहतरीन बल्लेबाज हैं, और दीशांत यादव, जो राजस्थान रॉयल्स के फील्डिंग कोच हैं, दोनों ने इस मजेदार घटना को एक अच्छे अनुभव के रूप में लिया। हेटमायर को अपनी गलती पर हंसी भी आई, लेकिन कोच के इस अनोखे तरीके से उनका आत्मविश्वास भी मजबूत हुआ। इस प्रकार के पल न केवल खिलाड़ियों को मानसिक रूप से राहत देते हैं, बल्कि यह उन्हें एक-दूसरे से बेहतर तरीके से जुड़ने का मौका भी प्रदान करते हैं।

आईपीएल जैसे बड़े टूर्नामेंट में जहां टीमों के बीच प्रतिस्पर्धा बहुत ज्यादा होती है, ऐसे छोटे-छोटे मजेदार पल टीमों के बीच एक सकारात्मक माहौल बनाते हैं। इससे खिलाड़ी और कोच अपने प्रदर्शन में भी बेहतरी ला सकते हैं, क्योंकि जब टीम में अच्छा माहौल होता है, तो खिलाड़ी अधिक आत्मविश्वास से खेलते हैं।

राजस्थान रॉयल्स की यह प्रैक्टिस सेशन की घटना एक बेहतरीन उदाहरण है कि कैसे क्रिकेट में प्रतिस्पर्धा और हंसी-मजाक दोनों साथ चल सकते हैं। यह साबित करता है कि टीम की एकता और हल्के-फुल्के पल मैच की जीत से कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण हो सकते हैं।

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