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Devon Conway की धीमी पारी पर भड़के Aakash Chopra CSK की हार का ठहराया बड़ा जिम्मेदार Retired Out में देरी पर उठाए तीखे सवाल

 इंडियन प्रीमियर लीग २०२५ के रोमांचक सफर में चेन्नई सुपर किंग्स को पंजाब किंग्स के खिलाफ मिली हार के बाद क्रिकेट जगत में विश्लेषण का दौर तेज हो गया है। भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज और वर्तमान में अपनी बेबाक टिप्पणियों के लिए जाने जाने वाले क्रिकेट विशेषज्ञ आकाश चोपड़ा ने चेन्नई सुपर किंग्स के अनुभवी सलामी बल्लेबाज डेवोन कॉनवे की बल्लेबाजी पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। चोपड़ा ने कॉनवे की धीमी पारी को पंजाब किंग्स के खिलाफ मिली हार के मुख्य कारणों में से एक बताया है और टीम प्रबंधन की रणनीति पर भी निशाना साधा है।

मंगलवार, ८ अप्रैल को मुल्लानपुर के मैदान पर खेले गए आईपीएल २०२५ के २२वें मुकाबले में पंजाब किंग्स ने पहले बल्लेबाजी करते हुए चेन्नई सुपर किंग्स के सामने २२० रनों का एक विशाल लक्ष्य रखा था। जवाब में, पांच बार की चैंपियन चेन्नई सुपर किंग्स की टीम शुरुआत तो संभलकर करने में कामयाब रही, लेकिन रन गति अपेक्षित तेजी से नहीं बढ़ पाई। डेवोन कॉनवे ने पारी का आगाज किया और ४९ गेंदों का सामना करते हुए ६९ रन बनाए। हालांकि यह एक अर्धशतकीय पारी थी, परन्तु मैच के संदर्भ और लक्ष्य के विशाल आकार को देखते हुए उनकी रन बनाने की गति काफी धीमी मानी जा रही है। कॉनवे अंततः १८वें ओवर में रिटायर्ड आउट होकर पवेलियन लौटे, लेकिन तब तक शायद काफी देर हो चुकी थी। चेन्नई सुपर किंग्स की टीम निर्धारित २० ओवरों में ५ विकेट खोकर २०१ रन ही बना सकी और यह महत्वपूर्ण मुकाबला १८ रनों के अंतर से हार गई।

इस हार के बाद अपने आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर साझा किए गए एक वीडियो विश्लेषण में आकाश चोपड़ा ने डेवोन कॉनवे की पारी की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि जब आपकी टीम २२० जैसे बड़े लक्ष्य का पीछा कर रही हो, तो सलामी बल्लेबाज से तेज तर्रार शुरुआत की उम्मीद की जाती है। चोपड़ा ने इस बात पर हैरानी जताई कि पावरप्ले यानी पहले छह ओवरों में कोई विकेट नहीं गंवाने के बावजूद चेन्नई की रन गति उस स्तर की नहीं थी जिसकी आवश्यकता थी। उन्होंने कॉनवे की स्ट्राइक रेट पर सवाल उठाते हुए कहा कि १५० से कम की स्ट्राइक रेट से बल्लेबाजी करना, खासकर इतने बड़े लक्ष्य का पीछा करते हुए, टीम के लिए बेहद नुकसानदायक साबित हुआ।

आकाश चोपड़ा ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए यह भी सुझाव दिया कि चेन्नई सुपर किंग्स प्रबंधन को डेवोन कॉनवे को रिटायर्ड आउट करने का फैसला और पहले लेना चाहिए था। उनका मानना था कि यदि कॉनवे को कुछ ओवर पहले ही वापस बुला लिया जाता और किसी अन्य विस्फोटक बल्लेबाज को मैदान पर भेजा जाता, तो शायद मैच का नतीजा चेन्नई के पक्ष में जा सकता था या कम से कम हार का अंतर इतना बड़ा नहीं होता। चोपड़ा के अनुसार, कॉनवे क्रीज पर जमने के बावजूद रन गति बढ़ाने में संघर्ष कर रहे थे और ऐसे में रणनीतिक रूप से उन्हें जल्दी रिटायर्ड आउट करना ही टीम के हित में होता।

पूर्व भारतीय खिलाड़ी की यह टिप्पणी क्रिकेट गलियारों में चर्चा का विषय बन गई है। डेवोन कॉनवे की धीमी पारी और टीम प्रबंधन द्वारा उन्हें देर से रिटायर्ड आउट करने के फैसले ने एक बार फिर बड़े लक्ष्य का पीछा करने की रणनीति और खिलाड़ियों की भूमिका पर बहस छेड़ दी है। चेन्नई सुपर किंग्स को इस हार से सबक लेते हुए अपनी आगामी रणनीति पर निश्चित रूप से पुनर्विचार करना होगा।

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