Ashwin का Underwhelming Performance CSK के लिए बढ़ी Tension क्या Time आ गया है उन्हें Playing XI से बाहर करने का

भारतीय क्रिकेट के दिग्गज स्पिन गेंदबाज रविचंद्रन अश्विन ने पिछले साल दिसंबर में अपने सुनहरे अंतरराष्ट्रीय करियर को अलविदा कह दिया था। क्रिकेट प्रेमियों को उम्मीद थी कि वह इंडियन प्रीमियर लीग २०२५ में अपनी पुरानी चमक बिखेरेंगे, जहां वह अपनी पूर्व टीम चेन्नई सुपर किंग्स (सीएसके) के लिए मैदान पर उतरे। लेकिन, सीजन के शुरुआती मैच अनुभवी ऑफ स्पिनर और टीम दोनों के लिए निराशाजनक साबित हुए हैं।
इस सीजन में अब तक रविचंद्रन अश्विन का प्रदर्शन उनके नाम और कद के अनुरूप बिल्कुल नहीं रहा है। पांच बार की चैंपियन चेन्नई सुपर किंग्स के लिए खेलते हुए, अश्विन इस सीजन में खेले गए पांच मैचों में केवल पांच विकेट ही हासिल कर पाए हैं। एक ऐसे गेंदबाज के लिए, जिसकी गिनती दुनिया के सबसे चतुर स्पिनरों में होती है, यह आंकड़े बेहद साधारण हैं। वह न तो विकेट चटकाने में सफल हो पा रहे हैं और न ही रन गति पर अंकुश लगाकर विपक्षी टीम पर दबाव बना पा रहे हैं, जिससे वह काफी हद तक अप्रभावी साबित हुए हैं।
अश्विन के इस lackluster यानी फीके प्रदर्शन का खामियाजा टीम को भी भुगतना पड़ रहा है। चेन्नई सुपर किंग्स अपने शुरुआती पांच मैचों में से चार मैच गंवा चुकी है और अंक तालिका में निराशाजनक रूप से नौवें स्थान पर संघर्ष कर रही है। टीम की लगातार हार में निश्चित रूप से कई कारण जिम्मेदार हैं, लेकिन गेंदबाजी इकाई की विफलता, जिसमें अश्विन एक प्रमुख सदस्य हैं, एक बड़ी चिंता का विषय है। अपने पिछले मुकाबले में पंजाब किंग्स के खिलाफ चेन्नई के गेंदबाजों ने जमकर रन लुटाए, जिससे पंजाब ने २१९ रनों का विशाल स्कोर खड़ा कर दिया। जवाब में सीएसके १८ रनों से मैच हार गई, और इस मैच में भी अश्विन कोई खास प्रभाव नहीं छोड़ सके।
लगातार खराब प्रदर्शन के बाद अब यह सवाल उठने लगा है कि क्या चेन्नई सुपर किंग्स प्रबंधन को रविचंद्रन अश्विन को प्लेइंग इलेवन से बाहर करने जैसे कड़े कदम पर विचार करना चाहिए? टीम को इस मुश्किल दौर से बाहर निकलने के लिए अपने प्रमुख खिलाड़ियों से बेहतर प्रदर्शन की सख्त जरूरत है। अश्विन का अनुभव নিঃসন্দেহে टीम के लिए महत्वपूर्ण है, लेकिन अगर वह लगातार प्रदर्शन करने में विफल हो रहे हैं, तो टीम प्रबंधन के लिए यह सोचने का समय हो सकता है कि क्या किसी अन्य विकल्प को आजमाया जाए जो गेंदबाजी आक्रमण को नई धार दे सके।
इस पृष्ठभूमि में, यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि टीम प्रबंधन आने वाले मैचों में अश्विन पर भरोसा बनाए रखता है या टीम के हित में कोई अप्रत्याशित लेकिन जरूरी फैसला लेता है। फिलहाल, यह स्पष्ट है कि टीम को जीत की राह पर लौटने के लिए अपनी रणनीति और संयोजन पर गंभीरता से पुनर्विचार करने की आवश्यकता है, और इसमें अश्विन की भूमिका पर भी मंथन जरूरी हो गया है।