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Chase Master Kohli ने फिर रचा इतिहास – Jaipur की दोपहर में चमका Virat का बल्ला

आईपीएल 2025 के रोमांच से भरे इस सीज़न में, 13 अप्रैल की दोपहर को जयपुर के सवाई मानसिंह स्टेडियम में एक और यादगार मुकाबला खेला गया। राजस्थान रॉयल्स और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के बीच हुए इस टक्कर में लक्ष्य छोटा नहीं था — 174 रनों का। एक ऐसा स्कोर, जो दोपहर की गर्मी और पिच की चाल को देखते हुए किसी भी बल्लेबाज़ी क्रम के लिए चुनौती बन सकता था। लेकिन जब सामने हों विराट कोहली — तो मुश्किलें भी रास्ता देती हैं।

विराट कोहली, जिन्हें दुनिया ‘चेज़ मास्टर’ के नाम से जानती है, एक बार फिर अपने अनुभव, धैर्य और क्लास का प्रदर्शन करते हुए नाबाद 62 रन बनाकर टीम को जीत की राह पर ले गए। उनकी ये पारी सिर्फ रन बनाने की नहीं, बल्कि रणनीति, समझदारी और खेल को पढ़ने की मिसाल थी।

फिल सॉल्ट की आंधी, विराट की शांति

पारी की शुरुआत में फिल सॉल्ट जैसे तूफान की तरह खेलते रहे — चौकों-छक्कों की बरसात कर दी। उन्होंने गेंदबाज़ों पर दबाव बनाया और विराट को समय दिया कि वो अपने खेल को सेट करें, परिस्थिति को समझें। जब एक छोर से तूफान हो और दूसरा ठहराव — तो वही संतुलन टीम को जीत दिला सकता है। यही हुआ।

52 गेंदों में दोनों ने मिलकर 92 रन जोड़े। साझेदारी में हर रन टीम के आत्मविश्वास को बढ़ाता गया। सॉल्ट के आक्रामक तेवरों के बीच विराट की संयमित बल्लेबाज़ी ने दर्शाया कि क्रिकेट सिर्फ ताकत का नहीं, समझ और टाइमिंग का भी खेल है।

39 गेंदों में अर्धशतक, 62* रन की नाबाद पारी

विराट कोहली ने अपना अर्धशतक 39 गेंदों में पूरा किया। उनके स्ट्रोक्स में वही पुरानी चमक, वही खूबसूरत टाइमिंग और वही आत्मविश्वास साफ झलक रहा था। हर चौका एक बयान था — “मैं अभी भी वही हूं, विराट!”

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उन्होंने कुल 45 गेंदों में 62 रन बनाए, जिसमें से अधिकतर रन ज़िम्मेदारी के साथ आए। कोई जल्दबाज़ी नहीं, कोई जोखिम नहीं — सिर्फ क्लास और अनुभव का मेल। उनकी स्ट्राइक रेट रही 137.78 — एकदम सटीक, मैच के हालातों के अनुसार।

विराट का मतलब सिर्फ रन नहीं, एक भरोसा है

विराट कोहली की इस पारी ने एक बार फिर ये सिद्ध कर दिया कि क्यों उन्हें ‘चेज़ मास्टर’ कहा जाता है। जब दबाव हो, लक्ष्य बड़ा हो, और टीम को एक ठोस शुरुआत की ज़रूरत हो — तब विराट जैसे खिलाड़ी ही सामने खड़े रहते हैं।

आज की इस जीत में सिर्फ रन नहीं थे — ये एक मानसिक जीत थी, टीम के लिए एक प्रेरणा थी, और फैंस के लिए एक जश्न।

जयपुर की दोपहर में कोहली का बल्ला बोला — और जब विराट बोलते हैं, तो क्रिकेट सुनता है।


 

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