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CSK Struggling in IPL 18: पांच बार की चैंपियन टीम खो रही है अपनी पहचान

अब तक खेले गए 9 मैचों में से उन्होंने 7 मुकाबले गंवा दिए हैं, और टीम की उम्मीदें दिन-प्रतिदिन कमजोर होती जा रही हैं। इस सीजन में CSK की स्थिति इतनी खराब हो चुकी है कि अगर वे अपने अगले पाँच मैच भी जीतते हैं, तब भी प्लेऑफ में उनकी जगह बनाना मुश्किल हो सकता है।

CSK का आईपीएल इतिहास काफी शानदार रहा है। उन्होंने पांच बार चैंपियन बनने का गौरव हासिल किया है और लगातार मजबूत प्रदर्शन के लिए प्रसिद्ध रही है। टीम का नेतृत्व महेंद्र सिंह धोनी के हाथों में है, जो खुद एक दिग्गज खिलाड़ी और रणनीतिक मास्टर माने जाते हैं। धोनी की कप्तानी में टीम ने हमेशा धैर्य और स्मार्ट रणनीति के साथ खेला है। हालांकि, इस सीजन में कुछ भी काम नहीं कर पा रहा है और यह टीम के लिए एक नई चुनौती साबित हो रहा है।

टीम के प्रदर्शन में निरंतरता की भारी कमी रही है। शीर्ष क्रम से लेकर मध्य क्रम तक, कोई भी बल्लेबाज़ अपनी स्थिति को मजबूती से नहीं बना सका। पहले छह ओवरों में पावरप्ले के दौरान CSK का बल्लेबाज़ी क्रम बेहद सतर्क और अपर्याप्त दिखा है। पावरप्ले के दौरान रन बनाने की गति बहुत धीमी रही है, जिससे टीम दबाव में आ जाती है। मिडिल ओवर्स में भी स्थिति कुछ खास नहीं रही। टीम ने कई बार अच्छे शुरुआत के बावजूद विकेट जल्दी खो दिए, जिससे मध्यक्रम पर दबाव बढ़ता गया।

इसके अलावा, गेंदबाजी विभाग में भी कुछ खास नहीं हो पा रहा है। अनुभवी गेंदबाज़ जैसे शार्दुल ठाकुर और दीपक चाहर ने जिस प्रकार का प्रदर्शन किया है, वह काफी निराशाजनक रहा है। बल्लेबाज़ों को पिच पर दबाव बनाने की उम्मीद थी, लेकिन गेंदबाज़ों ने उस तरह की पकड़ नहीं बनाई। चोटों और कुछ अहम खिलाड़ियों की कमी ने भी इस टीम को परेशान किया है।

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CSK की समस्याएँ सिर्फ क्रिकेट के मैदान तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि टीम की मानसिक स्थिति भी प्रभावित हुई है। जब एक टीम लगातार हारती है, तो मानसिक दबाव और आत्मविश्वास की कमी एक बड़ा मुद्दा बन जाती है। धोनी की कप्तानी में भी इस सीजन में वह जादू नहीं दिख पा रहा है, जो पहले सीज़न में था। एक अनुभवपूर्ण कप्तान होते हुए भी वह टीम को संभालने में पूरी तरह सफल नहीं हो पा रहे हैं।

टीम के लिए अब आखिरी मौका यह है कि वे जल्दी से अपनी रणनीतियों में बदलाव लाकर आत्मविश्वास को फिर से हासिल करें। सबसे पहले तो बल्लेबाज़ों को अपनी भूमिका समझने की जरूरत है। उन्हें पावरप्ले में आक्रामक खेलने की रणनीति अपनानी होगी। मध्यक्रम को ज्यादा जिम्मेदारी लेनी होगी और उन्हें अपनी भूमिका में अधिक संयम और धैर्य दिखाना होगा। गेंदबाज़ों को अपनी लाइन और लेंथ को बेहतर करना होगा और उन्हें दबाव में भी शांत रहने की कला सीखनी होगी।

इसके अलावा, CSK को युवा खिलाड़ियों को भी मौके देने पर विचार करना चाहिए। टीम के अनुभवी खिलाड़ियों के साथ-साथ कुछ ताजगी और ऊर्जा की आवश्यकता हो सकती है। ये बदलाव टीम को एक नई दिशा और उत्साह दे सकते हैं। यदि CSK को इस सीजन में वापसी करनी है, तो उन्हें जल्दी से एक ठोस रणनीति बनानी होगी और अपनी हार की वजहों पर काम करना होगा।

संक्षेप में, CSK के लिए यह सीजन कठिन साबित हो रहा है, लेकिन अगर वे आत्मविश्वास और टीम वर्क के साथ खेलें, तो वापसी अभी भी संभव है। यह समय है अपने पुराने गौरव को वापस पाने का, लेकिन इसके लिए बहुत मेहनत और रणनीति में बदलाव की आवश्यकता होगी।

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