Devon Conway को Retire Out करने के CSK के फैसले पर भड़के Michael Clarke Team Strategy पर उठाए Tough Questions

इंडियन प्रीमियर लीग २०२५ में अपने खराब दौर से गुजर रही चेन्नई सुपर किंग्स की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। पंजाब किंग्स के खिलाफ मंगलवार को मिली हार के बाद अब टीम के एक रणनीतिक फैसले पर ऑस्ट्रेलिया के पूर्व विश्व विजेता कप्तान माइकल क्लार्क ने कड़ी आपत्ति जताई है। क्लार्क ने मैच के दौरान डेवन कॉनवे को रिटायर आउट करने के चेन्नई सुपर किंग्स प्रबंधन के निर्णय की तीखी आलोचना की है और इसे समझ से परे बताया है। यह घटनाक्रम आईपीएल २०२५ में चेन्नई की लगातार चौथी हार के बाद सामने आया है।
गौरतलब है कि मंगलवार, ८ अप्रैल को मुल्लांपुर के मैदान पर खेले गए मुकाबले में पंजाब किंग्स ने पहले बल्लेबाजी करते हुए चेन्नई सुपर किंग्स के सामने २२० रनों का पहाड़ जैसा लक्ष्य रखा था। इस विशाल स्कोर का पीछा करते हुए, सलामी बल्लेबाज डेवन कॉनवे और रचिन रवींद्र ने चेन्नई को एक ठीक ठाक शुरुआत दिलाई थी। कॉनवे ने अपना अर्धशतक भी पूरा किया, लेकिन पारी के अंतिम ओवरों की तरफ बढ़ते हुए उनकी रन बनाने की गति थोड़ी धीमी पड़ गई थी।
मैच उस समय रोमांचक मोड़ पर था जब चेन्नई सुपर किंग्स को जीत के लिए अंतिम कुछ ओवरों में तेज गति से रनों की दरकार थी। पारी का १८वां ओवर चल रहा था, डेवन कॉनवे ४९ गेंदों पर ६९ रन बनाकर क्रीज पर मौजूद थे, तभी टीम प्रबंधन ने एक अप्रत्याशित और विवादास्पद फैसला लेते हुए उन्हें रिटायर आउट कर वापस बुला लिया। उस समय चेन्नई को जीत के लिए १३ गेंदों में ४९ रनों की आवश्यकता थी, जो एक बेहद कठिन समीकरण था। टीम प्रबंधन का यह दांव हालांकि सफल नहीं हुआ और पांच बार की चैंपियन चेन्नई सुपर किंग्स यह मुकाबला अंततः १८ रनों से हार गई।
इस असामान्य सामरिक कदम ने कई क्रिकेट पंडितों को हैरान कर दिया, जिनमें माइकल क्लार्क प्रमुख थे। क्लार्क, जो अब एक जाने माने क्रिकेट कमेंटेटर की भूमिका निभा रहे हैं, ने इस फैसले पर अपनी नाराजगी जाहिर की। इंडिया टुडे के माध्यम से स्टार स्पोर्ट्स पर बोलते हुए, क्लार्क ने स्पष्ट रूप से कहा कि यह निर्णय उन्हें बिल्कुल भी सही नहीं लगा। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि डेवन कॉनवे उस समय क्रीज पर अच्छी तरह से सेट हो चुके थे और लय में दिख रहे थे।
क्लार्क ने आगे तर्क दिया कि न्यूजीलैंड के इस अनुभवी बल्लेबाज में बड़े शॉट खेलने यानी छक्के लगाने की पूरी काबिलियत है। उनके अनुसार, एक सेट बल्लेबाज को, जो बड़े हिट लगा सकता है, रन चेज के ऐसे महत्वपूर्ण और नाजुक मोड़ पर वापस बुलाना रणनीतिक रूप से सही नहीं था। क्लार्क का मानना था कि कॉनवे को पारी पूरी करने का मौका दिया जाना चाहिए था, भले ही उनकी गति थोड़ी धीमी पड़ गई हो, क्योंकि एक सेट बल्लेबाज किसी भी समय गियर बदल सकता है।
चेन्नई सुपर किंग्स के लिए यह सीजन अब तक निराशाजनक रहा है और लगातार चार हार ने टीम के प्लेऑफ की राह को मुश्किल बना दिया है। डेवन कॉनवे को रिटायर आउट करने का यह फैसला अब टीम के मौजूदा संकट और मैदान पर लिए जा रहे निर्णयों पर और अधिक सवाल खड़े कर रहा है। इस पर बहस जारी रहने की उम्मीद है कि क्या यह एक साहसिक सामरिक कदम था या फिर घबराहट में लिया गया एक गलत फैसला।