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Dhoni ने खोले Childhood के Secrets: बोले पापा की सख्ती से डर लगता था दीवार फांदने की हिम्मत नहीं होती थी

चेन्नई सुपर किंग्स के दिग्गज विकेटकीपर-बल्लेबाज और भारत के पूर्व महान कप्तान महेंद्र सिंह धोनी, जिन्हें अक्सर ‘कैप्टन कूल’ के नाम से जाना जाता है, ने इंडियन प्रीमियर लीग 2025 सीजन के बीच अपने बचपन की कुछ अनछुई और दिलचस्प यादों को साझा किया है। धोनी हाल ही में जाने-माने कंटेंट क्रिएटर राज शामानी के साथ एक साक्षात्कार में शामिल हुए, जहाँ उन्होंने अपने शुरुआती दिनों और परवरिश से जुड़ी कुछ अहम बातें बताईं, खासकर अपने पिता के साथ अपने रिश्ते को लेकर।

इस बातचीत के दौरान, धोनी ने खुलासा किया कि जब वह रांची में बड़े हो रहे थे, तो एक बच्चे के रूप में वह हमेशा अपने पिता से काफी डरते थे। उन्होंने बताया कि उनके पिता पान सिंह धोनी बेहद सख्त मिजाज के और अनुशासनप्रिय व्यक्ति थे, और यही वजह थी कि उनके मन में अपने पिता के प्रति एक डर हमेशा बना रहता था। यह डर किसी शारीरिक दंड का नहीं, बल्कि उनकी सख्ती और नियमों के पालन को लेकर था।

एमएस धोनी ने अपने पिता के प्रभाव को स्वीकार करते हुए यह भी माना कि पिता की इसी सख्ती और अनुशासन की वजह से ही वह खुद भी जीवन में इतने अनुशासित बन पाए हैं। उन्होंने विस्तार से बताते हुए कहा, जैसा कि हिंदुस्तान टाइम्स द्वारा रिपोर्ट किया गया है:

पापा से डर बहुत लगता था। वह बहुत सख्त थे। वह अनुशासित थे; हमेशा समय पर रहने की अपेक्षा की जाती थी। लेकिन इसी वजह से मैं भी अनुशासित हूँ। ऐसा नहीं है कि वह हमें मारते थे या कुछ और। लेकिन वह डर था। मेरे दोस्त कॉलोनी में दीवारें फांद जाते थे, लेकिन मैंने कभी हिम्मत नहीं की। अगर मेरे पिता देख लेते, तो हम गए! हमें कभी नहीं पता था कि परिणाम क्या होंगे, लेकिन फिर भी हम डरते थे।

धोनी के इन शब्दों से पता चलता है कि उनके पिता का अनुशासन कितना गहरा था और उसका असर युवा धोनी पर कैसा पड़ता था। यह डर उन्हें शरारतें करने से भी रोकता था, जैसा कि उन्होंने दीवार फांदने वाले दोस्तों का उदाहरण देकर बताया। उन्हें हमेशा यह चिंता रहती थी कि अगर उनके पिता ने उन्हें कुछ गलत करते हुए देख लिया तो क्या होगा, भले ही उन्हें यह न पता हो कि सजा क्या मिलेगी।

करोड़ों फैंस के दिलों पर राज करने वाले और मैदान पर अपने शांत स्वभाव के लिए मशहूर धोनी का यह खुलासा उनके व्यक्तिगत जीवन और उन शुरुआती अनुभवों की एक दुर्लभ और मानवीय झलक प्रदान करता है जिन्होंने उनके मजबूत और अनुशासित व्यक्तित्व को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यह दिखाता है कि मैदान पर हर परिस्थिति में शांत और संयमित दिखने वाले इस महान खिलाड़ी के बचपन में भी आम बच्चों की तरह डर और अनुशासन का सख्त माहौल मौजूद था, जिसने कहीं न कहीं उन्हें आज का एमएस धोनी बनाने में मदद की।

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