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Eden Gardens में दिखा drama Rishabh Pant की DRS ज़िद पड़ गई भारी review गया waste ball थी miles दूर bat से

कोलकाता के प्रतिष्ठित ईडन गार्डन्स स्टेडियम में मंगलवार को इंडियन प्रीमियर लीग 2025 सीज़न के एक हाई-स्कोरिंग और रोमांचक मुकाबले के दौरान क्रिकेट प्रेमियों को एक नाटकीय क्षण देखने को मिला। यह घटना कोलकाता नाइट राइडर्स की पारी के दौरान घटी जब टीम लखनऊ सुपर जायंट्स द्वारा दिए गए 239 रनों के विशाल लक्ष्य का पीछा कर रही थी। विकेटकीपर-बल्लेबाज ऋषभ पंत ने क्विंटन डी कॉक के खिलाफ़ कैच आउट के लिए एक रिव्यू लेने का फैसला किया, जो अंततः न केवल असफल साबित हुआ, बल्कि टीम के लिए एक महत्वपूर्ण रिव्यू का नुकसान भी कर गया।

विशाल लक्ष्य का पीछा और डी कॉक की तेज शुरुआत

मैच में पहले बल्लेबाजी करते हुए लखनऊ सुपर जायंट्स ने रनों का पहाड़ खड़ा कर दिया था, जिसके जवाब में कोलकाता नाइट राइडर्स को तेज शुरुआत की दरकार थी। सलामी बल्लेबाज क्विंटन डी कॉक ने अपनी टीम को वही तेज तर्रार शुरुआत दी। उन्होंने आते ही लखनऊ सुपर जायंट्स के तेज गेंदबाजों पर प्रहार करना शुरू कर दिया और कुछ आकर्षक चौके लगाए, जिससे रन रेट शुरुआत से ही अच्छा बना रहा।

तीसरे ओवर का ड्रामा

पारी का तीसरा ओवर तेज गेंदबाज आकाश दीप लेकर आए। डी कॉक अपने आक्रामक अंदाज में बल्लेबाजी कर रहे थे और उन्होंने ओवर की पहली ही गेंद पर एक जोरदार छक्का जड़कर अपने इरादे स्पष्ट कर दिए। लग रहा था कि डी कॉक एक बड़ी पारी खेलने के मूड में हैं और लखनऊ सुपर जायंट्स के लिए खतरा बन सकते हैं।

पंत की अपील और रिव्यू का फैसला

लेकिन, ओवर की अगली ही गेंद पर आकाश दीप ने शानदार वापसी की। उन्होंने अपनी लाइन और लेंथ को सुधारा, और डी कॉक इस गेंद को खेलने से पूरी तरह चूक गए। गेंद बल्ले के पास से गुजरती हुई सीधे विकेटकीपर ऋषभ पंत के दस्तानों में समा गई। मैदान पर गेंदबाज या अन्य किसी फील्डर की तरफ से कोई खास अपील नहीं हुई, लेकिन पंत को पूरा यकीन था कि गेंद ने बल्ले का बाहरी किनारा लिया है।

वह बेहद आत्मविश्वास से भरे दिखे और जोरदार अपील की। जब मैदानी अंपायर ने इसे नकार दिया, तो पंत ने बिना किसी हिचकिचाहट के तुरंत डीआरएस लेने का संकेत दिया। उनका यह आत्मविश्वास देखने लायक था, लेकिन यह सवाल भी उठ रहा था कि क्या वाकई कोई किनारा लगा था।

रिव्यू में सच्चाई आई सामने

मामला तीसरे अंपायर के पास पहुंचा। टीवी रीप्ले में विभिन्न कोणों से जांच की गई। स्निकोमीटर और अल्ट्राएज तकनीक का इस्तेमाल किया गया। रीप्ले में यह साफ तौर पर दिखाई दिया कि जब गेंद बल्ले के पास से गुजरी, तो बल्ले और गेंद के बीच काफी फासला था। अल्ट्राएज में भी कोई स्पाइक या विचलन नहीं दिखा, जिससे यह पुष्टि हो गई कि गेंद ने बल्ले का कोई किनारा नहीं लिया था।

परिणाम और सबक

तीसरे अंपायर ने मैदानी अंपायर के फैसले को सही ठहराया। इस तरह, ऋषभ पंत का रिव्यू लेने का फैसला गलत साबित हुआ और उनकी टीम ने अपना एक महत्वपूर्ण डीआरएस गंवा दिया। टी20 जैसे तेज खेल में, खासकर जब आप इतने बड़े स्कोर का बचाव कर रहे हों, हर रिव्यू बहुत कीमती होता है। पंत का यह अति-आत्मविश्वास या गलत अनुमान उनकी टीम के लिए महंगा पड़ सकता था। यह घटना इस बात पर जोर देती है कि डीआरएस जैसी तकनीक का इस्तेमाल कितने विवेक और सावधानी से किया जाना चाहिए, क्योंकि एक गलत कॉल न सिर्फ रिव्यू बर्बाद करता है, बल्कि खेल की लय को भी प्रभावित कर सकता है।

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