Ahmedabad में आया Final Blow – Prasidh Krishna ने किया Samson की Fighting Innings का The End

अहमदाबाद के विशाल नरेंद्र मोदी स्टेडियम के जगमगाते फलक पर, इंडियन प्रीमियर लीग २०२५ का एक और अध्याय लिखा जा रहा था, जहाँ गुजरात टाइटन्स और राजस्थान रॉयल्स के बीच रोमांच अपने चरम पर था। बुधवार, ९ अप्रैल की उस संध्या, जब राजस्थान रॉयल्स विशाल लक्ष्य का पीछा कर रही थी, उनके कप्तान संजू सैमसन एक चट्टान की भांति एक छोर पर खड़े संघर्ष कर रहे थे। उनकी २८ गेंदों पर खेली गई ४१ रनों की वह जुझारू पारी, जिसमें कलात्मकता और आक्रामकता का सुंदर मिश्रण था, राजस्थान की डांवाडोल नौका को बचाने का अथक प्रयास कर रही थी। किन्तु, नियति को कुछ और ही मंजूर था, और इस संघर्षपूर्ण पारी का अंत गुजरात टाइटन्स के तेज़ गेंदबाज़ प्रसिद्ध कृष्णा के हाथों हुआ।
मैच उस नाजुक मोड़ पर खड़ा था जहाँ राजस्थान रॉयल्स के बल्लेबाज़ एक-एक कर पवेलियन लौट रहे थे, और विशाल लक्ष्य का दबाव निरंतर बढ़ता जा रहा था। संजू सैमसन मानो एकाकी योद्धा की भांति लड़ रहे थे, उनके साथी बल्लेबाज़ कोई विशेष प्रभाव छोड़ने में असफल रहे थे। पारी के आठवें ओवर तक स्थिति अत्यंत चिंताजनक हो चुकी थी, जब राजस्थान का स्कोर मात्र ६८ रनों पर ४ विकेट हो गया था। ऐसे कठिन समय में, वेस्टइंडीज़ के विस्फोटक बल्लेबाज़ शिमरोन हेटमायर ने कप्तान का साथ देने के लिए क्रीज़ पर कदम रखा। २१८ रनों का लक्ष्य अब एक दुर्गम पहाड़ जैसा प्रतीत हो रहा था, जिसे पार करने के लिए एक असाधारण साझेदारी की आवश्यकता थी।
सैमसन और हेटमायर की जोड़ी ने निश्चित रूप से राजस्थान की उम्मीदों को कुछ देर के लिए जीवित रखा। दोनों ने मिलकर तेज़ गति से रन बनाने का प्रयास किया, और कुछ आकर्षक शॉट भी खेले, जिससे दर्शकों में रोमांच का संचार हुआ। नौवें ओवर के बाद अगले तीन ओवरों में इस जोड़ी ने ४१ महत्वपूर्ण रन जोड़े, जिससे लगा कि शायद मैच में वापसी संभव है। उन्होंने गुजरात के गेंदबाज़ों पर दबाव बनाने की कोशिश की, लेकिन आवश्यक रन रेट का बढ़ता हुआ आंकड़ा लगातार एक बड़ी चुनौती बना हुआ था।
इसी निर्णायक मोड़ पर, गुजरात टाइटन्स के कप्तान शुभमन गिल ने एक सामरिक चाल चली। उन्होंने अपने तेज़ गेंदबाज़ प्रसिद्ध कृष्णा को पुनः आक्रमण पर लाने का निर्णय किया। कृष्णा ने इस मैच में पावरप्ले के दौरान केवल एक ही ओवर फेंका था, और उन्हें वापस लाना यह दर्शाता था कि गिल विकेट की तलाश में थे, विशेषकर खतरनाक दिख रहे सैमसन का। और कप्तान का यह दांव बिल्कुल सटीक बैठा।
प्रसिद्ध कृष्णा ने अपनी वापसी के साथ ही अपनी गति और उछाल का बेहतरीन प्रदर्शन किया। उन्होंने संजू सैमसन को लक्ष्य करके गेंदबाज़ी की, और अंततः वह सफल हुए। कृष्णा की एक सटीक गेंद पर सैमसन अपना विकेट गंवा बैठे, और उनकी संघर्षपूर्ण पारी का वहीं अंत हो गया। यह विकेट गुजरात टाइटन्स के लिए बिल्कुल सही समय पर आया था, क्योंकि सैमसन जब तक क्रीज़ पर थे, राजस्थान की उम्मीदें पूरी तरह समाप्त नहीं हुई थीं। प्रसिद्ध कृष्णा का यह प्रहार न केवल सैमसन की पारी पर विराम लगा गया, बल्कि इसने राजस्थान रॉयल्स की जीत की संभावनाओं को भी लगभग धूमिल कर दिया। सैमसन की ४१ रनों की वह पारी भले ही टीम को जीत न दिला सकी, लेकिन उनकी लड़ने की भावना और अकेले दम पर मैच को बनाए रखने का प्रयास सराहनीय था, जिसका अंत प्रसिद्ध कृष्णा के एक महत्वपूर्ण स्पेल ने कर दिया।