Wankhede में Mumbai Indians vs Royal Challengers Bangalore की जबरदस्त टक्कर Stats में देखिए किसका पलड़ा है Heavy

क्रिकेट के महाकुंभ इंडियन प्रीमियर लीग 2025 का रोमांच जारी है और अब मंच तैयार है मुंबई के प्रतिष्ठित वानखेड़े स्टेडियम में एक हाई-वोल्टेज मुकाबले के लिए। सोमवार, 7 अप्रैल को मेजबान मुंबई इंडियंस का सामना रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु से होगा। यह मुकाबला दोनों ही टीमों के लिए महत्वपूर्ण होने वाला है, खासकर टूर्नामेंट में अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिहाज से।
यह इस सीजन में मुंबई इंडियंस का दूसरा घरेलू मैच होगा। इससे पहले, इसी मैदान पर खेले गए अपने पहले घरेलू मुकाबले में मुंबई इंडियंस ने शानदार प्रदर्शन करते हुए कोलकाता नाइट राइडर्स को करारी शिकस्त दी थी। उस जीत ने टीम को कुछ लय प्रदान की थी, हालांकि वे उसे अगले मैच में बरकरार नहीं रख पाए। लेकिन घरेलू मैदान पर उनका रिकॉर्ड इस सीजन में शत प्रतिशत रहा है, जो उन्हें आत्मविश्वास देगा।
दूसरी ओर, रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के लिए यह सीजन का तीसरा बाहरी यानी अवे मैच होगा। फाफ डु प्लेसिस की अगुवाई वाली टीम ने अब तक बाहरी मैदानों पर उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। बेंगलुरु स्थित इस फ्रेंचाइजी ने इस टूर्नामेंट में अब तक खेले अपने दोनों बाहरी मुकाबले जीते हैं और वे इस अजेय क्रम को मुंबई के गढ़ में भी जारी रखने की पूरी कोशिश करेंगे। उनका बाहरी रिकॉर्ड यह दर्शाता है कि वे किसी भी परिस्थिति में अच्छा खेलने में सक्षम हैं।
ऐसे में मुंबई में होने वाला यह मुकाबला बेहद दिलचस्प होने की उम्मीद है। एक तरफ मुंबई इंडियंस होगी, जो अपने घरेलू मैदान पर अब तक अजेय है और अपने फैंस के सामने जीत की लय हासिल करना चाहेगी। दूसरी तरफ रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु होगी, जिसने बाहरी मैचों में अब तक हार का मुंह नहीं देखा है और अपनी मजबूत फॉर्म को जारी रखना चाहेगी। यह देखना रोचक होगा कि कौन सी टीम अपनी अजेय लय बरकरार रख पाती है।
इस बड़े मुकाबले से पहले, वानखेड़े स्टेडियम के इतिहास और यहां के आईपीएल रिकॉर्ड पर एक नजर डालना महत्वपूर्ण हो जाता है, क्योंकि यह पिच के मिजाज और मैच की संभावित दिशा को समझने में मदद कर सकता है।
वानखेड़े स्टेडियम, मुंबई के आईपीएल रिकॉर्ड
मुंबई के इस ऐतिहासिक स्टेडियम ने अब तक इंडियन प्रीमियर लीग के कुल 117 मैचों की मेजबानी की है। इन मैचों के आंकड़े बताते हैं कि यहां लक्ष्य का पीछा करने वाली टीमों का पलड़ा थोड़ा भारी रहा है। कुल खेले गए 117 मुकाबलों में से 63 बार उस टीम ने जीत हासिल की है जिसने बाद में बल्लेबाजी की है। यानी, टॉस जीतने वाला कप्तान अक्सर पहले गेंदबाजी करना पसंद करता है, ताकि बाद में ओस और पिच के बदलते मिजाज का फायदा उठाया जा सके।
खास बात यह है कि यहां खेला गया पिछला मुकाबला भी लक्ष्य का पीछा करने वाली टीम के पक्ष में ही समाप्त हुआ था। यह ट्रेंड दोनों टीमों के कप्तानों के दिमाग में टॉस के समय जरूर रहेगा। वानखेड़े की पिच आमतौर पर बल्लेबाजों के लिए मददगार रहती है, लेकिन तेज गेंदबाजों को भी अच्छी उछाल मिलती है। शाम के मैच में ओस एक महत्वपूर्ण कारक बन सकती है, जिससे दूसरी पारी में गेंदबाजी करना मुश्किल हो जाता है।
इस ब्लॉकबस्टर मुकाबले में दोनों टीमों के स्टार खिलाड़ियों पर सबकी निगाहें होंगी और वानखेड़े के आंकड़े निश्चित रूप से उनकी रणनीतियों को प्रभावित करेंगे।