आईपीएल 2025: CSK का होम ग्राउंड पर फीका जलवा, Chepauk में लगातार दूसरी हार!

चेन्नई सुपर किंग्स (सीएसके) को भारतीय टी-२० लीग के इतिहास में उनकी घरेलू मैदान पर अजेयता के लिए जाना जाता रहा है। चेपॉक यानी एम.ए. चिदंबरम स्टेडियम को उनकी “गढ़” कहा जाता है, जहाँ पराजय दुर्लभ होती है। परंतु २०२५ के सत्र में एक ऐतिहासिक अपवाद सामने आया जब चेन्नई को अपने घरेलू मैदान पर लगातार दो मुकाबलों में हार का सामना करना पड़ा।
लगातार दूसरी हार : दिल्ली की दमदार जीत
५ अप्रैल, २०२५ को चेन्नई सुपर किंग्स ने दिल्ली नगर प्रमुखों (दिल्ली कैपिटल्स) के विरुद्ध मुकाबला खेला, जिसमें उन्हें २५ रनों से हार मिली। यह इस सत्र में चेपॉक पर उनकी लगातार दूसरी हार थी।
दिल्ली ने पहले बल्लेबाज़ी करते हुए १८३ रन बनाए और चेन्नई की टीम रन गति के दबाव में कभी उभर ही नहीं सकी। विजय शंकर और महेन्द्र सिंह धोनी की साझेदारी ने कुछ देर तक उम्मीद जगाई, परंतु आक्रामकता की कमी और लक्ष्य का दबाव भारी पड़ गया। परिणामस्वरूप, चेन्नई की टीम लक्ष्य से २५ रन पीछे रह गई।
पिछली हार : रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के विरुद्ध ५० रनों की शिकस्त
इससे पहले, चेन्नई को अपने ही मैदान पर रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के हाथों ५० रनों से करारी हार का सामना करना पड़ा था। यह मुकाबला भी चेपॉक में ही खेला गया था और उसमें भी सीएसके की बल्लेबाज़ी लड़खड़ा गई थी।
एक के बाद एक इन दो पराजयों ने न केवल प्रशंसकों को चौंका दिया है, बल्कि टीम की रणनीति और आत्मविश्वास पर भी सवाल खड़े किए हैं।
इतिहास में एक झलक : १२ वर्षों बाद दो घरेलू हार
चेन्नई सुपर किंग्स के इतिहास में यह दूसरी बार है जब उन्हें चेपॉक में लगातार दो घरेलू मैचों में पराजय मिली है।
पिछली बार कब हुआ ऐसा?
- २०१२ के अंतिम मुकाबले में चेन्नई को कोलकाता नाइट राइडर्स के हाथों फाइनल में हार मिली थी।
- उसके बाद २०१३ के पहले घरेलू मैच में चेन्नई को मुंबई इंडियंस के विरुद्ध पराजय का सामना करना पड़ा।
यानी, यह घटना २०१२-१३ के समयांतराल के बाद पहली बार दोहराई गई है।
चेन्नई की मजबूती का प्रतीक : चेपॉक का किला
चेपॉक मैदान हमेशा से चेन्नई सुपर किंग्स की शक्ति का प्रतीक रहा है। यहाँ की धीमी पिचें, स्पिनरों की अनुकूलता, और घरेलू दर्शकों का जबरदस्त समर्थन सीएसके को अक्सर अपराजेय बना देता है।
इस मैदान पर टीम का जीत प्रतिशत लगभग सबसे ऊँचा रहा है पूरे टी-२० लीग इतिहास में।
इसी कारण, इस वर्ष की दो लगातार हारें विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं।
टीम के लिए आगे की राह
लगातार दो पराजयों के बाद अब चेन्नई सुपर किंग्स को आत्ममंथन की आवश्यकता है। गेंदबाज़ी में गहराई की कमी और मध्यक्रम की रनगति की समस्या टीम को पीछे खींच रही है।
हालाँकि महेन्द्र सिंह धोनी जैसे अनुभवी नेतृत्वकर्ता टीम में हैं, लेकिन उनका वर्तमान बल्लेबाज़ी क्रम में निचले क्रम पर आना रणनीतिक रूप से पुनर्विचार योग्य है।
प्रशंसकों की प्रतिक्रिया : आश्चर्य और समर्थन
चेन्नई सुपर किंग्स के प्रशंसक दुनिया भर में फैले हुए हैं। चेपॉक में लगातार हार देखकर भले ही उनमें निराशा हो, लेकिन उनका समर्पण और समर्थन अब भी अटूट है। सोशल मीडिया पर प्रशंसकों ने टीम के प्रति अपने प्रेम और विश्वास को बनाए रखा है।
क्या चेन्नई लौटेगी अपनी असली पहचान में?
चेन्नई सुपर किंग्स की घरेलू मैदान पर लगातार दो हारों ने सभी को चौंका दिया है। परंतु इतिहास गवाह है कि यह टीम दबाव में और भी अधिक मजबूत होकर उभरती है। यह देखना दिलचस्प होगा कि कप्तान और टीम प्रबंधन अब कौन-से बदलाव करते हैं और अगली चुनौती के लिए कैसे तैयारी करते हैं।
क्या सीएसके वापसी कर पाएगी?
क्या चेपॉक फिर से अपराजेय किला बनेगा?
इन सभी प्रश्नों के उत्तर आने वाले मुकाबलों में मिलेंगे।