IPL 2025: इम्पैक्ट प्लेयर नियम पर एमएस धोनी ने दी बेबाक राय, बताया क्यों नहीं है उनके लिए फायदेमंद
आईपीएल 2025 का रोमांच 22 मार्च से शुरू हो चुका है, लेकिन इस सीजन में एक बार फिर इम्पैक्ट प्लेयर नियम चर्चा में है। यह नियम पहली बार आईपीएल 2023 में लागू किया गया था, और तब से ही इसे लेकर मिली-जुली प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। अब इस पर भारतीय क्रिकेट के दिग्गज और पूर्व कप्तान एमएस धोनी ने भी अपनी राय रखी है।
क्या है इम्पैक्ट प्लेयर नियम?
इस नियम के तहत, कोई भी टीम मैच के दौरान जरूरत के हिसाब से एक खिलाड़ी को बदल सकती है। उदाहरण के लिए, अगर कोई टीम पहले गेंदबाजी कर रही है, तो वह दूसरी पारी में एक अतिरिक्त बल्लेबाज को टीम में शामिल कर सकती है। कई बार इस बदलाव से मैच का पूरा रुख बदल जाता है और कुछ खिलाड़ी “मैच विनर” साबित हो जाते हैं। हालांकि, कई क्रिकेट एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह नियम अच्छे ऑलराउंडर्स के लिए नुकसानदायक है।
एमएस धोनी का बयान: “इसकी कोई जरूरत नहीं थी”
जियो हॉटस्टार पर बातचीत के दौरान धोनी ने कहा,
“जब यह नियम पहली बार आया था, तब मैंने कहा था कि आईपीएल पहले से ही बेहतरीन स्थिति में है और इसमें किसी बदलाव की जरूरत नहीं है। यह पहले से ही हाई-स्कोरिंग, रोमांचक और प्रतिस्पर्धी था। हमने कई बार देखा है कि टी20 में कुछ ही ओवर में मैच का रुख बदल जाता है। ऐसे में इस नियम की कोई खास जरूरत नहीं थी।”
“इम्पैक्ट प्लेयर नियम मेरे लिए फायदेमंद हो सकता था, लेकिन…”
धोनी ने इस नियम को लेकर कहा कि इससे उन्हें कोई खास फायदा नहीं हुआ। उन्होंने कहा,
“अगर देखा जाए, तो यह नियम मेरे लिए फायदेमंद हो सकता था, लेकिन यह मेरी मदद नहीं करता क्योंकि मैं अभी भी विकेटकीपिंग करता हूं। इसलिए मैं किसी भी स्थिति में पूरी तरह से खेल में शामिल रहता हूं।”
धोनी ने यह भी कहा कि कुछ लोग इम्पैक्ट प्लेयर नियम को हाई-स्कोरिंग मैचों का कारण मान रहे हैं, लेकिन उन्होंने इसे पूरी तरह खारिज कर दिया। उन्होंने कहा,
“अतिरिक्त बल्लेबाज से आपको सिर्फ मानसिक रूप से सहजता मिलती है। इसका मतलब यह नहीं है कि इस नियम की वजह से ज्यादा रन बन रहे हैं। यह पिच और परिस्थितियों पर निर्भर करता है।”
क्या वाकई नियम में बदलाव की जरूरत है?
धोनी जैसे दिग्गज क्रिकेटर की इस राय के बाद एक बार फिर बहस छिड़ गई है कि क्या आईपीएल से इम्पैक्ट प्लेयर नियम को हटाया जाना चाहिए? कई पूर्व खिलाड़ियों और विशेषज्ञों का मानना है कि यह खेल के संतुलन को प्रभावित करता है और ऑलराउंडर्स की भूमिका को कम कर देता है।
अब देखना होगा कि बीसीसीआई इस नियम पर कोई बदलाव करता है या नहीं, लेकिन एमएस धोनी ने एक बार फिर साबित कर दिया कि वह सिर्फ मैदान पर ही नहीं, बल्कि खेल की गहरी समझ में भी मास्टर हैं।