Mitchell Starc ने Saliva से Reverse Swing को बताया Myth RR के खिलाफ DC की रोमांचक जीत के बाद

दिल्ली कैपिटल्स के तेज गेंदबाज मिचेल स्टार्क ने 16 अप्रैल को राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ दिल्ली की रोमांचक जीत के बाद सलाइवा के उपयोग को रिवर्स स्विंग उत्पन्न करने के लिए एक मिथक बताया। स्टार्क ने कहा कि सलाइवा का उपयोग गेंदबाजी में रिवर्स स्विंग उत्पन्न करने के लिए अधिकतर एक मिथक है, जो हकीकत से परे है।
राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ मैच में मिचेल स्टार्क ने शानदार प्रदर्शन किया। जब RR को अंतिम ओवर में केवल 9 रन की जरूरत थी, तो स्टार्क ने कुछ शानदार यॉर्कर डाले और सिर्फ 8 रन दिए, जिससे मैच सुपर ओवर में पहुंचा। इसके बाद, सुपर ओवर में भी उन्होंने कमाल का प्रदर्शन करते हुए केवल 11 रन दिए। इस अद्वितीय गेंदबाजी के चलते कमेंटेटर्स ने यह मानना शुरू किया कि सलाइवा का प्रभाव गेंदबाजों पर होता है, खासकर रिवर्स स्विंग के संदर्भ में।
लेकिन, मैच के बाद स्टार्क ने इस धारणा को खारिज करते हुए कहा कि सलाइवा का इस्तेमाल रिवर्स स्विंग के लिए अधिकतर एक भ्रम है। उन्होंने कहा, “यह सच नहीं है कि सलाइवा से रिवर्स स्विंग मिलती है। मुझे नहीं लगता कि सलाइवा गेंदबाजी में इतना प्रभाव डालती है। मेरे लिए, गेंदबाजी में रिवर्स स्विंग का मुख्य कारण गेंद और पिच की स्थिति है, न कि सलाइवा का इस्तेमाल।”
सुपर ओवर में स्टार्क का प्रदर्शन
मिचेल स्टार्क की गेंदबाजी ने दिल्ली की जीत की दिशा बदल दी। जब मैच सुपर ओवर में पहुंचा, तो राजस्थान को जीतने के लिए 12 रन का लक्ष्य मिला। स्टार्क ने अपने अनुभव का पूरा इस्तेमाल करते हुए शानदार गेंदबाजी की और RR को सिर्फ 11 रन ही बनाने दिए। स्टार्क की गेंदबाजी की वजह से दिल्ली ने जीत हासिल की और मैच के दौरान उन्होंने अपनी सटीकता और दबाव में खेलने की क्षमता का शानदार प्रदर्शन किया।
सलाइवा का असर: एक मिथक या सच?
मिचेल स्टार्क ने अपने बयान में कहा कि सलाइवा का इस्तेमाल रिवर्स स्विंग को बढ़ावा देने के लिए एक भ्रम है। जब सलाइवा पर प्रतिबंध लगाया गया था, तब से क्रिकेट की दुनिया में इस मुद्दे को लेकर कई बहसें हुई हैं। हालांकि, स्टार्क ने इस धारणा को पूरी तरह नकारा करते हुए इसे केवल एक मिथक बताया और गेंदबाजी के असली कारणों पर ध्यान केंद्रित करने की बात की।
इसके बजाय, स्टार्क का मानना है कि रिवर्स स्विंग का मुख्य कारण गेंद का पुराना होना और पिच की स्थिति होती है। उन्होंने बताया कि गेंद के एक हिस्से को बेहतर तरीके से सुखाने और उसे दूसरे हिस्से से अधिक घिसने से रिवर्स स्विंग प्राप्त होती है। सलाइवा के बिना भी तेज गेंदबाज रिवर्स स्विंग प्राप्त कर सकते हैं, बशर्ते वे सही तकनीक और गेंद को सही तरीके से इस्तेमाल करें।
मिचेल स्टार्क का अनुभव और क्रिकेट में रिवर्स स्विंग
रिवर्स स्विंग क्रिकेट में एक महत्वपूर्ण और चुनौतीपूर्ण तत्व है। यह तब उत्पन्न होता है जब गेंद पुरानी हो जाती है और हवा के हिसाब से गेंद का एक हिस्सा अधिक तेजी से घूमता है। रिवर्स स्विंग को हासिल करना गेंदबाजों के लिए एक कला होती है, और यह उन खिलाड़ियों के लिए एक बड़ा हथियार साबित हो सकता है जो तेज गति से गेंदबाजी करते हैं।
मिचेल स्टार्क ने अपने लंबे करियर में रिवर्स स्विंग के उपयोग को मास्टर किया है, और वह जानते हैं कि सलाइवा के बिना भी रिवर्स स्विंग प्राप्त किया जा सकता है। उनकी गेंदबाजी इस बात का प्रमाण है कि सही तकनीक, गेंद की स्थिति और गेंदबाज की कौशलता ही रिवर्स स्विंग उत्पन्न करने में मुख्य भूमिका निभाती है।
दिल्ली की रोमांचक जीत
दिल्ली कैपिटल्स के लिए यह जीत खास थी क्योंकि उन्होंने सुपर ओवर में शानदार गेंदबाजी करके मैच जीत लिया। मिचेल स्टार्क के साथ-साथ टीम के अन्य गेंदबाजों ने भी दबाव की स्थिति में अपने प्रदर्शन को बढ़ाया और राजस्थान को सीमित स्कोर तक ही रखा। दिल्ली की टीम ने यह मैच एक रणनीतिक जीत के रूप में देखा, जिसमें न सिर्फ गेंदबाजों का योगदान था, बल्कि बल्लेबाजों का भी अहम रोल था।
दिल्ली कैपिटल्स की इस जीत ने उन्हें आईपीएल 2025 के पॉइंट्स टेबल में और मजबूत किया। स्टार्क की गेंदबाजी ने टीम को जीत दिलाई और उनकी सलाइवा के बारे में की गई टिप्पणी ने इस मुद्दे पर और अधिक ध्यान आकर्षित किया।
मिचेल स्टार्क का बयान यह साबित करता है कि रिवर्स स्विंग प्राप्त करने के लिए सलाइवा का इस्तेमाल केवल एक मिथक है। गेंद और पिच की स्थिति, साथ ही गेंदबाज की तकनीक ही रिवर्स स्विंग के प्रमुख कारक होते हैं। स्टार्क ने अपनी गेंदबाजी से साबित किया कि उन्होंने सही तकनीकों का इस्तेमाल करते हुए मैच को सुपर ओवर तक पहुंचाया और फिर उसे जीतने में अहम भूमिका निभाई। उनकी यह टिप्पणियाँ क्रिकेट जगत में एक नए दृष्टिकोण को प्रस्तुत करती हैं और सलाइवा के उपयोग से जुड़ी पुरानी धारणाओं को चुनौती देती हैं।