मुंबई इंडियन्स के बल्लेबाज़ Ryan Rickelton को मिला Life-line SRH के खिलाड़ियों के चेहरों पर Disappointment

मुंबई, 17 अप्रैल – आईपीएल 2025 में एक दिलचस्प और नाटकीय घटना घटी जब मुंबई इंडियंस के ओपनर रयान रिकेल्टन को सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ खेले गए मुकाबले में एक स्पष्ट कैच के बावजूद ‘नॉट आउट’ करार दिया गया। यह घटना वानखेड़े स्टेडियम में हुई, और इसने SRH के खिलाड़ियों और उनके फैंस को पूरी तरह से चकित कर दिया।
घटना की शुरुआत: रिकेल्टन का कैच और चौथे अंपायर का हस्तक्षेप
मुंबई की पारी के सातवें ओवर में यह दिलचस्प घटना घटी। रिकेल्टन ने ज़ीशान अंसारी के खिलाफ तीन लगातार डॉट बॉल खेली थीं, जिसके बाद उन्होंने बड़ा शॉट खेलने की कोशिश की। लेकिन उनकी शॉट पूरी तरह से गलत साबित हुई और वह सीधा गेंद को कवर में खड़े SRH कप्तान पैट कमिंस के हाथों में भेज गए। कमिंस ने दाएं हाथ से गेंद को अपनी ओर खींचते हुए कैच पूरा किया, और रिकेल्टन आउट होने के लिए पवेलियन की ओर बढ़ गए।
लेकिन जैसे ही रिकेल्टन पवेलियन की तरफ कदम बढ़ा रहे थे, चौथे अंपायर ने हस्तक्षेप किया। चौथे अंपायर ने पुष्टि की कि विकेटकीपर हेनरिक क्लासन ने स्टंप्स से आगे अपनी दोनों हाथों को रखा था जब गेंद बैट से टकराई थी, और इस कारण यह एक नो-बॉल करार दी गई। इसका मतलब था कि रिकेल्टन को एक जीवनदान मिला और उन्हें एक फ्री हिट पर खेलने का मौका मिला। यह स्थिति इस प्रकार से महत्वपूर्ण थी क्योंकि क्रिकेट के नियमों के अनुसार, एक फ्री हिट पर बल्लेबाज़ को आउट करने का सामान्य तरीका (कैच या बोल्ड) लागू नहीं होता, और उसे रन आउट से ही आउट किया जा सकता था।
रिकेल्टन को मिला जीवनदान: क्या असर पड़ा?
यह घटना आईपीएल के इतिहास में एक बड़ी टर्निंग प्वाइंट बन गई। जिस वक्त यह घटनाक्रम हुआ, उस समय रिकेल्टन 21 रन बनाकर खेल रहे थे। हालांकि, नो-बॉल के कारण उन्हें एक नया जीवन मिला और उन्हें एक फ्री हिट पर खेलने का मौका मिला। यह स्थिति इस प्रकार से महत्वपूर्ण थी क्योंकि क्रिकेट के नियमों के अनुसार, एक फ्री हिट पर बल्लेबाज़ को आउट करने का सामान्य तरीका (कैच या बोल्ड) लागू नहीं होता, और उसे रन आउट से ही आउट किया जा सकता था।
लेकिन, अफसोस की बात यह रही कि रिकेल्टन इस जीवनदान का फायदा नहीं उठा सके। उन्होंने अपनी पारी को 31 रन तक बढ़ाया, लेकिन आठवें ओवर में वह आउट हो गए। उन्हें अंसारी ने पवेलियन भेजा, और उनके आउट होने के बाद मुंबई की पारी में और भी मुश्किलें आईं।
SRH के खिलाड़ियों की निराशा
रिकेल्टन को मिले इस जीवनदान ने SRH के खिलाड़ियों के चेहरे पर निराशा ला दी। वे समझ नहीं पाए कि आखिरकार चौथे अंपायर ने क्यों हस्तक्षेप किया और यह फैसले उनके पक्ष में क्यों नहीं गया। कैच के बाद उनका उत्साह एक ही पल में ग़ायब हो गया, और वे समझ नहीं पा रहे थे कि नियमों के हिसाब से यह कैसे संभव था।
यह स्थिति SRH के लिए एक शॉक की तरह थी, क्योंकि उस समय मैच उनके पक्ष में जा रहा था और रिकेल्टन का विकेट उन्हें एक बड़ी बढ़त दिला सकता था। इसके बावजूद, उनकी निराशा का कारण केवल यह नहीं था कि उन्होंने रिकेल्टन को आउट होते नहीं देखा, बल्कि यह था कि यह पूरी स्थिति उनके लिए अनपेक्षित और नाटकीय थी।
रिकेल्टन का प्रदर्शन: जीवनदान का असर
जबकि यह घटना शॉर्ट टर्म में रिकेल्टन के लिए फायदेमंद साबित हुई, लेकिन लंबे समय में उनका प्रदर्शन बहुत प्रभावी नहीं रहा। उन्होंने 23 गेंदों में 31 रन बनाए, और अपनी पारी को पूरी तरह से स्थापित करने में नाकाम रहे। हालांकि, यह संभव था कि अगर उन्हें पहले आउट कर दिया गया होता, तो मुंबई के लिए मैच में कुछ अलग ही स्थिति होती।
रिकेल्टन को मिले जीवनदान के बावजूद मुंबई को मैच जीतने के लिए कुछ कठिन संघर्ष करना पड़ा। इस घटना ने मैच को और भी रोमांचक बना दिया, क्योंकि इसे देखने वाले दर्शकों और क्रिकेट प्रेमियों को यह एहसास हुआ कि क्रिकेट में छोटे-छोटे पल कभी भी मैच का रुख बदल सकते हैं।
SRH के खिलाड़ियों की निराशा
रिकेल्टन को मिले इस जीवनदान ने SRH के खिलाड़ियों के चेहरे पर निराशा ला दी। वे समझ नहीं पाए कि आखिरकार चौथे अंपायर ने क्यों हस्तक्षेप किया और यह फैसले उनके पक्ष में क्यों नहीं गया। कैच के बाद उनका उत्साह एक ही पल में ग़ायब हो गया, और वे समझ नहीं पा रहे थे कि नियमों के हिसाब से यह कैसे संभव था।
यह स्थिति SRH के लिए एक शॉक की तरह थी, क्योंकि उस समय मैच उनके पक्ष में जा रहा था और रिकेल्टन का विकेट उन्हें एक बड़ी बढ़त दिला सकता था। इसके बावजूद, उनकी निराशा का कारण केवल यह नहीं था कि उन्होंने रिकेल्टन को आउट होते नहीं देखा, बल्कि यह था कि यह पूरी स्थिति उनके लिए अनपेक्षित और नाटकीय थी।
एक दिलचस्प और विवादास्पद घटना
आईपीएल 2025 के इस मुकाबले में, रयान रिकेल्टन के लिए जीवनदान एक विवादास्पद लेकिन रोमांचक घटना बन गई। हालांकि उन्होंने इस मौके का ज्यादा फायदा नहीं उठाया, लेकिन यह निश्चित रूप से मैच की एक अहम घटना बनी रही। चौथे अंपायर का हस्तक्षेप और नो-बॉल का फैसला इस मैच के लिए एक यादगार पल साबित हुआ, जिसे SRH के खिलाड़ियों और उनके फैंस जल्दी नहीं भूल पाएंगे।
आखिरकार, यह दिखाता है कि क्रिकेट के खेल में छोटे नियमों और फैसलों का मैच पर कितना गहरा असर हो सकता है।