Shikhar Dhawan का Shahid Afridi को करारा जवाब: Indian Army पर की टिप्पणी पर उठाए सवाल

पूर्व भारतीय क्रिकेटर शिखर धवन ने पाकिस्तान के पूर्व कप्तान शाहिद अफरीदी को करारा जवाब दिया है। अफरीदी ने हाल ही में कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारतीय सेना की कार्यकुशलता पर सवाल उठाए थे और भारतीय मीडिया द्वारा पाकिस्तान पर आरोप लगाने पर असंतोष जताया था।
22 अप्रैल को हुए इस घातक हमले में 26 लोग अपनी जान गंवा बैठे थे। आतंकवादियों ने पर्यटन स्थलों पर आगजनी और गोलीबारी की, जिसमें कई निर्दोष लोग शिकार हो गए। इस हमले के बाद अफरीदी ने समा टीवी पर अपनी बात रखते हुए भारतीय सेना की कार्यकुशलता पर सवाल उठाए और आरोप लगाया कि भारतीय मीडिया पाकिस्तान को दोषी ठहरा रहा है, जबकि पाकिस्तान का इससे कोई लेना-देना नहीं है।
इस पर शिखर धवन ने ट्विटर (अब X) पर अपनी प्रतिक्रिया दी और अफरीदी के बयान पर कड़ी आपत्ति जताई। धवन ने अफरीदी को याद दिलाया कि भारत ने 1999 में पाकिस्तान के खिलाफ कश्मीर के कागिल युद्ध में जीत हासिल की थी और भारतीय सेना की ताकत को कभी कम नहीं आंका जा सकता।
धवन ने अपने ट्वीट में यह भी लिखा कि पाकिस्तान को अपनी ऊर्जा अपने देश के विकास में लगानी चाहिए, बजाय इसके कि वह ऐसे विवादित और भड़काऊ बयान दे। उनका मानना था कि अफरीदी को अपनी टिप्पणी देने से पहले गंभीरता से विचार करना चाहिए था, क्योंकि भारतीय सेना ने हमेशा अपनी तत्परता और वीरता से दुनिया भर में अपनी पहचान बनाई है।
इस बयान के बाद भारतीय क्रिकेट फैंस ने भी शिखर धवन का समर्थन किया और सोशल मीडिया पर उनके बयान को सराहा। कई लोग अफरीदी को कड़ी नसीहत देते हुए यह कह रहे थे कि इस समय पाकिस्तान को अपनी आंतरिक समस्याओं पर ध्यान देना चाहिए, न कि भारत को निशाना बनाना चाहिए।
भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट के मैदान पर कई बार कटुता और विवाद देखे जा चुके हैं, लेकिन हाल की घटनाओं ने इसे और बढ़ा दिया है। यह विवाद न केवल क्रिकेट के खेल बल्कि दोनों देशों के बीच के राजनीतिक रिश्तों को भी प्रभावित करता है।
शिखर धवन का यह बयान भारतीय सेना और उनके बलिदानों के प्रति सम्मान को जाहिर करता है। भारतीय फैंस और क्रिकेट प्रेमियों के लिए यह घटना केवल एक आतंकवादी हमले से कहीं बढ़कर है, बल्कि यह भारत की सेना और उसकी वीरता को लेकर भी एक स्पष्ट संदेश देता है।
भारत ने कई बार अपनी सेना की ताकत और तत्परता का परिचय दिया है, चाहे वह 1999 का कागिल युद्ध हो या 2016 का उरी हमले के बाद की सर्जिकल स्ट्राइक। ऐसे में पाकिस्तान को हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि हर टिप्पणी का एक व्यापक प्रभाव होता है।
अफरीदी के बयान के बाद शिखर धवन का यह प्रतिक्रिया पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बन गया है, और इसे भारतीय सेना के समर्थन में एक मजबूत आवाज के रूप में देखा जा रहा है।