Shivam Dube ने तोड़ी हार की Streak Relief रहा ज्यादा बड़ा than खुशी Lucknow के खिलाफ Gritty पारी रही Game Changer

चेन्नई सुपर किंग्स के बल्लेबाजी ऑलराउंडर शिवम दुबे ने लखनऊ सुपर जायंट्स के खिलाफ मिली जीत के बाद खुलकर अपनी भावनाएं जाहिर कीं। 14 अप्रैल को खेले गए इस रोमांचक मुकाबले में चेन्नई ने अंतिम ओवर में जीत दर्ज कर पांच मैचों की हार की लकीर को तोड़ दिया। हालांकि इस जीत के बाद शिवम दुबे के चेहरे पर खुशी कम और राहत ज्यादा देखने को मिली।
शिवम दुबे ने 37 गेंदों में नाबाद 43 रन बनाए, जो स्कोरबोर्ड पर भले ही बहुत बड़ा आंकड़ा न लगे, लेकिन परिस्थितियों को देखते हुए यह पारी टीम के लिए बेहद निर्णायक रही। इस पारी में दुबे ने संघर्ष जरूर किया, लेकिन अंत तक टिके रहकर टीम को जीत तक पहुंचाया। उनकी यह पारी उस वक्त और भी अहम हो गई जब चेन्नई सुपर किंग्स लगातार पांच मैच हार चुकी थी और हर हाल में जीत दर्ज करना जरूरी था।
शिवम दुबे साल 2022 से चेन्नई सुपर किंग्स के साथ जुड़े हुए हैं और 2023 में उन्होंने टीम की खिताबी जीत में अहम भूमिका निभाई थी। ऊँचे कद वाले बाएं हाथ के इस बल्लेबाज़ को उनकी ताकतवर हिटिंग के लिए जाना जाता है और कई क्रिकेट विशेषज्ञ उन्हें ‘आधुनिक युग का कीरोन पोलार्ड’ भी कहते हैं। यह तुलना इसलिए की जाती है क्योंकि जिस तरह पोलार्ड आईपीएल में मध्यक्रम में आकर बड़े-बड़े शॉट लगाकर टीम को मुश्किल वक्त से निकालते थे, उसी तरह दुबे ने भी कई बार चेन्नई के लिए यह भूमिका निभाई है।
वेस्टइंडीज के पूर्व ऑलराउंडर कीरोन पोलार्ड ने अपने आईपीएल करियर में मुंबई इंडियंस को पांच बार खिताब दिलाने में बड़ी भूमिका निभाई थी। उनकी हिटिंग क्षमता और संकट में संयम बनाए रखने की योग्यता उन्हें एक खास खिलाड़ी बनाती थी। अब शिवम दुबे भी उसी रास्ते पर चलते हुए चेन्नई सुपर किंग्स के लिए एक ऐसे खिलाड़ी के रूप में उभर रहे हैं जो कठिन परिस्थितियों में टीम को उबार सकते हैं।
दुबे की इस पारी को लेकर क्रिकेट जगत में काफी चर्चा हो रही है। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि दुबे को और अधिक स्वतंत्रता के साथ खेलने की ज़रूरत है ताकि वे अपनी पूरी क्षमता का प्रदर्शन कर सकें। वहीं कुछ का कहना है कि चेन्नई को उनके अनुभव और मैच फिनिश करने की क्षमता को अब और बेहतर तरीके से इस्तेमाल करना चाहिए।
यह जीत चेन्नई सुपर किंग्स के लिए सिर्फ दो अंक हासिल करने की बात नहीं थी, बल्कि आत्मविश्वास और टीम के आत्मबल को दोबारा खड़ा करने का मौका थी। शिवम दुबे की संयमित और शांत पारी ने यही संदेश दिया कि जब टीम पर दबाव हो, तब स्थिरता और समझदारी के साथ खेलना कितना ज़रूरी होता है।