cricket news

Champions Trophy की Practice में फूट-फूट कर रोए Shreyas Iyer Poor Batting से थे बेहद नाराज़ किया Emotional खुलासा

भारतीय क्रिकेट टीम के प्रतिभाशाली मध्यक्रम बल्लेबाज श्रेयस अय्यर ने हाल ही में एक बेहद निजी और चौंकाने वाला खुलासा किया है, जिसने क्रिकेट प्रशंसकों को हैरान कर दिया है। उन्होंने बताया कि वह 2025 चैंपियंस ट्रॉफी के लिए टीम के पहले अभ्यास सत्र के बाद सचमुच फूट-फूट कर रो पड़े थे। इस भावनात्मक प्रतिक्रिया का कारण था नेट्स में उनका उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन न कर पाना, जिससे वह खुद पर बेहद नाराज हो गए थे।

श्रेयस अय्यर ने यह खुलासा पंजाब किंग्स यानी पीबीकेएस द्वारा आयोजित शो ‘कैंडिड विद किंग्स’ पर बातचीत के दौरान किया। जब उनसे यह पूछा गया कि वह आखिरी बार कब रोए थे, तो 30 वर्षीय इस स्टाइलिश बल्लेबाज ने बिना किसी झिझक के उस घटना का जिक्र किया जो आईसीसी के प्रतिष्ठित टूर्नामेंट चैंपियंस ट्रॉफी से ठीक पहले घटी थी।

अय्यर ने बताया कि वह नेट्स में अपनी बल्लेबाजी से बिल्कुल भी खुश नहीं थे और इसी निराशा ने गुस्से का रूप ले लिया, जिसके परिणामस्वरूप वह खुद को रोने से रोक नहीं पाए। उन्होंने विस्तार से बताते हुए कहा, आखिरी बार मैं चैंपियंस ट्रॉफी के दौरान रोया था, पहले प्रैक्टिस सेशन में। सचमुच रोना, मतलब रोना। क्योंकि मैंने नेट्स में बैटिंग की और मेरा बैटिंग अच्छा नहीं हुआ। तो मुझे इतना गुस्सा आया अपने आप पर कि मैं रोना चालू किया।

उन्होंने आगे अपनी हैरानी भी व्यक्त की क्योंकि वह आमतौर पर इतनी आसानी से भावुक नहीं होते हैं। अय्यर ने कहा, और मैं भी चौंक गया था कि मैं रोता नहीं हूँ ऐसे इजीली। यह दर्शाता है कि उस समय वह अपने प्रदर्शन को लेकर कितने दबाव में और निराश महसूस कर रहे थे।

इस घटना के संदर्भ को स्पष्ट करते हुए श्रेयस अय्यर ने यह भी बताया कि 2025 चैंपियंस ट्रॉफी के लिए रवाना होने से पहले इंग्लैंड के खिलाफ घरेलू मैदान पर खेली गई तीन मैचों की एकदिवसीय श्रृंखला में उनका प्रदर्शन काफी शानदार रहा था। उन्होंने संकेत दिया कि अच्छी फॉर्म में होने के बावजूद दुबई की पिचों की परिस्थितियों से पहले अभ्यास सत्र में सामंजस्य बिठाना उनके लिए चुनौतीपूर्ण साबित हुआ था। शायद इसी वजह से नेट्स में खराब प्रदर्शन ने उन्हें इतना अधिक प्रभावित किया।

किसी शीर्ष अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर द्वारा इस तरह खुलकर अपनी भावनाओं और मानसिक स्थिति को स्वीकार करना दुर्लभ है। यह वाकया दर्शाता है कि बड़े टूर्नामेंटों का दबाव कितना अधिक होता है और खिलाड़ी अपने प्रदर्शन को लेकर कितने संवेदनशील होते हैं। एक खराब अभ्यास सत्र भी उन्हें किस हद तक मानसिक रूप से परेशान कर सकता है, अय्यर का अनुभव इसका प्रमाण है।

श्रेयस अय्यर का यह बयान क्रिकेटरों के मानवीय पक्ष को उजागर करता है और यह बताता है कि मैदान पर आत्मविश्वास से भरे दिखने वाले ये सितारे भी निराशा, गुस्से और भावनात्मक उतार-चढ़ाव के दौर से गुजरते हैं। यह फैंस को उनके पसंदीदा खिलाड़ियों के संघर्षों और उनकी मानसिक दृढ़ता की एक झलक प्रदान करता है। यह अनुभव निश्चित रूप से अय्यर के करियर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रहा होगा, जिसने उन्हें मानसिक रूप से और मजबूत बनने में मदद की होगी।

Chennai Super Kings Suffer 100th IPL Defeat as RCB Secures Historic Victory in IPL 2025
Back to top button