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Sunil Gavaskar का बड़ा बयान: IPL में अनकैप्ड खिलाड़ियों को ₹4 करोड़ देना गलत Dhoni के लिए बदला गया नियम

भारतीय क्रिकेट के दिग्गज और पूर्व कप्तान Sunil Gavaskar ने इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में अनकैप्ड खिलाड़ियों को दी जाने वाली भारी-भरकम रकम पर सवाल उठाया है। 75 वर्षीय गावस्कर का मानना है कि ₹4 करोड़ की सीमा बढ़ाना एक गलत कदम है, जिससे युवा खिलाड़ियों का क्रिकेट के प्रति समर्पण और भूख खत्म हो रही है।

गावस्कर ने यह भी इशारा किया कि यह सीमा महेंद्र सिंह धोनी के लिए बढ़ाई गई थी, जब वह पिछले सीजन में नीलामी से पहले एक अनकैप्ड खिलाड़ी की कैटेगरी में आ गए थे। Chennai Super Kings  के कप्तान धोनी को accommodate करने के लिए ₹4 करोड़ की लिमिट तय की गई, जो पहले इससे काफी कम थी।

गावस्कर ने Sportstar में अपने कॉलम में लिखा,

“जो खिलाड़ी नीलामी में मोटी रकम में खरीदे जाते हैं, उनमें से कई मैदान से जल्दी गायब हो जाते हैं। उनकी भूख और संघर्ष की भावना पैसों से संतुष्ट हो जाती है। फ्रेंचाइज़ी के लिए शायद यह मायने नहीं रखता, लेकिन भारतीय क्रिकेट को इसका नुकसान जरूर होता है।”

IPL में पैसों की चमक और खिलाड़ियों का फोकस

गावस्कर का यह बयान IPL में चल रहे उस ट्रेंड की ओर इशारा करता है, जहां कई अनकैप्ड खिलाड़ी केवल एक-दो सीजन में चर्चा में आते हैं और फिर गायब हो जाते हैं। कई बार देखा गया है कि जब इन युवाओं को बड़ी बोली लगती है, तो उनका प्रदर्शन अगले सीजन में गिर जाता है।

विशेषज्ञ मानते हैं कि इतने ज्यादा पैसे मिलने से युवा खिलाड़ी जल्दी संतुष्ट हो जाते हैं और उनके अंदर से मेहनत की प्रेरणा खत्म हो जाती है। गावस्कर भी इसी बात को दोहराते हैं कि पैसों की यह बाढ़ भारतीय क्रिकेट के भविष्य के लिए खतरनाक साबित हो सकती है।

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धोनी के लिए बदली गई नीलामी की कैटेगरी?

गावस्कर के अनुसार, ₹4 करोड़ की अधिकतम सीमा को MS Dhoni के लिए खासतौर पर बढ़ाया गया था। चूंकि धोनी अब BCCI की सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट लिस्ट में नहीं हैं, और वह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले चुके हैं, ऐसे में वह नीलामी में ‘अनकैप्ड खिलाड़ी’ की कैटेगरी में आ गए थे।

इसी को ध्यान में रखते हुए BCCI और IPL गवर्निंग काउंसिल ने ₹4 करोड़ की सीमा तय की, ताकि CSK उन्हें रिटेन कर सके। हालांकि यह कदम फ्रेंचाइज़ी के लिए फायदेमंद रहा हो, लेकिन गावस्कर का मानना है कि इससे लीग की नीति और पारदर्शिता पर सवाल उठते हैं।

सोशल मीडिया पर छिड़ी बहस

गावस्कर की इस टिप्पणी के बाद क्रिकेट प्रशंसकों और विशेषज्ञों के बीच बहस छिड़ गई है। कुछ लोग उनका समर्थन कर रहे हैं, जबकि कुछ का मानना है कि आईपीएल जैसे टूर्नामेंट में खिलाड़ियों को उनकी मार्केट वैल्यू के अनुसार पैसे मिलने चाहिए।

IPL और भारतीय क्रिकेट का भविष्य

Sunil Gavaskar की इस टिप्पणी ने निश्चित ही IPL की नीतियों पर एक नई बहस को जन्म दिया है। क्या IPL में अनकैप्ड खिलाड़ियों के लिए भुगतान की सीमा तय होनी चाहिए? क्या इससे खिलाड़ियों की भूख खत्म हो रही है? और सबसे बड़ा सवाल, क्या धोनी जैसे दिग्गज के लिए नियमों में बदलाव सही था?


 

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