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कप्तान ने ही तोड़ा अपने खिलाड़ी का सपना? 90 पर थे नाबाद, एक फैसले ने इंग्लैंड में छीन ली ऐतिहासिक सेंचुरी!

इंडिया ए और इंग्लैंड लायंस के बीच खेला गया दूसरा अनऑफिशियल टेस्ट मैच भले ही ड्रॉ पर समाप्त हुआ, लेकिन इसकी सबसे बड़ी चर्चा एक शतक को लेकर हो रही है – वो शतक जो पूरा नहीं हो सका। इस मैच में टीम इंडिया के एक युवा खिलाड़ी के पास इंग्लैंड की धरती पर अपने करियर का एक यादगार फर्स्ट क्लास शतक जड़ने का सुनहरा मौका था, लेकिन इंडिया ए के कप्तान अभिमन्यु ईश्वरन के एक साहसिक फैसले ने इस सपने को चकनाचूर कर दिया।

क्या था पूरा मामला? 10 रन पहले ही पारी घोषित

मैच की दूसरी पारी में भारतीय बल्लेबाजों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए स्कोरबोर्ड पर 417 रन टांग दिए। जब टीम का स्कोर मजबूत स्थिति में था, तब क्रीज पर युवा ऑलराउंडर तनुश कोटियन 90 रन बनाकर नाबाद खेल रहे थे। उनकी बल्लेबाजी देखकर लग रहा था कि वे आसानी से अपना शतक पूरा कर लेंगे। उन्हें अपनी पहली फर्स्ट क्लास सेंचुरी के लिए सिर्फ 10 रनों की जरूरत थी, लेकिन तभी ड्रेसिंग रूम से कप्तान अभिमन्यु ईश्वरन का एक चौंकाने वाला संदेश आया – पारी घोषित कर दी गई थी।

कप्तान के इस फैसले के साथ ही तनुश की शतकीय उम्मीदें भी समाप्त हो गईं और उन्हें निराश होकर पवेलियन लौटना पड़ा।

कप्तान के फैसले पर उठे सवाल, फैंस हुए निराश

अभिमन्यु ईश्वरन का यह फैसला क्रिकेट के गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है। कई फैंस ने सोशल मीडिया पर इस फैसले की आलोचना की। उनका मानना था कि जब मैच का नतीजा ड्रॉ की ओर बढ़ रहा था, तो कप्तान कुछ और ओवर रुककर तनुश को अपना शतक पूरा करने का मौका दे सकते थे। इंग्लैंड की मुश्किल परिस्थितियों में एक युवा खिलाड़ी के लिए यह शतक उनके आत्मविश्वास और करियर के लिए मील का पत्थर साबित हो सकता था। अगर तनुश यह शतक पूरा करते, तो वे इंग्लैंड में शतक जड़ने वाले चुनिंदा भारतीय खिलाड़ियों की सूची में शामिल हो जाते।

‘टीम फर्स्ट’ या व्यक्तिगत रिकॉर्ड?

हालांकि, इस फैसले का दूसरा पहलू भी है। क्रिकेट में हमेशा ‘टीम फर्स्ट’ की भावना को सर्वोपरि रखा जाता है। कप्तान का लक्ष्य व्यक्तिगत उपलब्धियों से ज्यादा टीम के लिए मैच जीतने की रणनीति बनाना होता है। हो सकता है कि ईश्वरन पारी घोषित करके इंग्लैंड लायंस पर मनोवैज्ञानिक दबाव बनाना चाहते हों, ताकि मैच में जीत की कोई ক্ষীণ संभावना बनाई जा सके।

मैच में अन्य भारतीय बल्लेबाजों का प्रदर्शन

दूसरी पारी में सिर्फ तनुश ही नहीं, बल्कि अन्य भारतीय बल्लेबाजों ने भी प्रभावित किया। कप्तान अभिमन्यु ईश्वरन ने खुद 80 रनों की शानदार पारी खेली। वहीं, टीम में वापसी कर रहे केएल राहुल ने भी 51 रन बनाकर फॉर्म में लौटने के संकेत दिए। अंत में, अंशुल कांबोज ने भी 51 रनों की नाबाद पारी खेलकर टीम के स्कोर को 400 के पार पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई।

भले ही यह मैच ड्रॉ हो गया हो और इससे पहले का मैच भी बेनतीजा रहा हो, लेकिन तनुश कोटियन का यह अधूरा शतक फैंस के मन में एक सवाल छोड़ गया है कि क्या टीम की रणनीति के लिए एक खिलाड़ी के व्यक्तिगत मील के पत्थर को कुर्बान करना हमेशा सही होता है?

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