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विराट कोहली बनाम रिकी पोंटिंग: 123 टेस्ट के बाद कौन रहा आगे आंकड़ों की टक्कर देखिए

टेस्ट क्रिकेट का इतिहास महान खिलाड़ियों से भरा पड़ा है, लेकिन बीते दशक में अगर किसी बल्लेबाज़ ने सबसे ज़्यादा चर्चा बटोरी, तो वो हैं भारत के विराट कोहली। बेहतरीन तकनीक, आक्रामक तेवर और मैच जिताने की ललक ने कोहली को टेस्ट क्रिकेट में एक विशेष मुकाम दिलाया।

12 मई, सोमवार को 36 वर्षीय कोहली ने अचानक टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी। इस फैसले ने क्रिकेट जगत को चौंका दिया, लेकिन उनके शानदार करियर को लेकर चर्चाएं फिर से तेज़ हो गई हैं। कोहली ने 123 टेस्ट में भारत का प्रतिनिधित्व किया और 9,230 रन बनाए, जिसमें 30 शतक और 31 अर्धशतक शामिल हैं।

कोहली की तुलना अक्सर ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान रिकी पोंटिंग से की जाती रही है, जो अपने समय के सबसे सफल बल्लेबाजों में शुमार रहे। आइए एक नजर डालते हैं कि 123 टेस्ट के बाद दोनों दिग्गजों के आंकड़े क्या कहते हैं


विराट कोहली के 123 टेस्ट मैचों के आंकड़े:

  • मैच: 123
  • रन: 9,230
  • औसत (Batting Average): लगभग 49.29
  • शतक: 30
  • अर्धशतक: 31
  • टॉप स्कोर: 254*
  • डबल सेंचुरीज़: 7
  • कैच: 108

कोहली का टेस्ट करियर खासतौर पर 2016-2019 के बीच चरम पर रहा, जब उन्होंने एक के बाद एक शतक जमाए और भारतीय टीम को टेस्ट रैंकिंग में टॉप तक पहुंचाया। उनकी कप्तानी में भारत ने विदेशों में टेस्ट जीतने शुरू किए, जिससे उनके नेतृत्व कौशल की भी तारीफ हुई।


रिकी पोंटिंग के 123 टेस्ट मैचों के आंकड़े:

  • मैच: 123
  • रन: 9,487
  • औसत (Batting Average): लगभग 54.56
  • शतक: 33
  • अर्धशतक: 38
  • टॉप स्कोर: 257
  • डबल सेंचुरीज़: 6
  • कैच: 149
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पोंटिंग का खेल 1990 के दशक के उत्तरार्ध से 2000 के दशक के मध्य तक फैला रहा। उन्होंने उस दौर में ऑस्ट्रेलिया को टेस्ट क्रिकेट में सबसे ताकतवर टीम बनाया। बतौर कप्तान, पोंटिंग ने टीम को लगातार सीरीज़ जिताई और व्यक्तिगत रूप से भी लगातार रन बनाए।


आंकड़ों की तुलना में कौन रहा आगे?

  • रन के मामले में पोंटिंग थोड़ा आगे रहे हैं (9,487 बनाम 9,230), लेकिन दोनों खिलाड़ियों का औसत और शतक बनाने की क्षमता काबिल-ए-तारीफ है।
  • पोंटिंग ने अधिक कैच लपके, लेकिन कोहली ने अधिक डबल सेंचुरी बनाई हैं।
  • कोहली की बल्लेबाज़ी में आधुनिक दौर की चुनौतियों का सामना करने की क्षमता दिखती है, वहीं पोंटिंग ने अपने समय की सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज़ी यूनिट्स के खिलाफ शानदार खेल दिखाया।

क्यों है यह तुलना दिलचस्प?

विराट कोहली और रिकी पोंटिंग दोनों ने अपने युग में बल्लेबाज़ी की परिभाषा को नए स्तर पर पहुंचाया। दोनों ही खिलाड़ियों ने टेस्ट क्रिकेट के प्रति जुनून, फॉर्म में निरंतरता और नेतृत्व क्षमता से अपने-अपने देशों के लिए अमूल्य योगदान दिया।

आईपीएल और लिमिटेड ओवर्स में कोहली अब भी सक्रिय हैं, लेकिन टेस्ट क्रिकेट में उनकी अनुपस्थिति निश्चित रूप से एक युग के अंत का संकेत है। यह तुलना सिर्फ आंकड़ों की नहीं, बल्कि क्रिकेट के दो महान दौरों के टकराव की भी है, जिसमें एक भारतीय महान और एक ऑस्ट्रेलियाई लीजेंड आमने-सामने हैं।


 

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